पटना हाईकोर्ट ने नागरिक सुविधाओं के अभाव पर तीखी टिप्‍पणी करते हुये पटना को देश में किसी राज्‍य की सबसे गंदी राजधानी बताया है. उन्‍होंने अधिकारियों को लताड़ लगाते हुये यह भी कहा कि क्‍या इस हालत पर उन्‍हें शर्म नहीं आती.

अधिकारियों को शर्म आनी चाहिये
न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा और न्यायमूर्ति पीके झा की खंडपीठ ने एक मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि पटना कहीं से भी राजधानी नहीं दिखता. इसके साथ ही उन्होंने कहा,'देश में किसी भी राजधानी में इतनी धूल औश्र गंदगी नहीं है, इसे देखकर क्या सरकारी अधिकारी शर्म महसूस नहीं करते.
ठोस कार्रवाई का आदेश
खंडपीठ ने पटना में हर साल होने वाली जल जमाव की समस्या से मुक्ति दिलाने की दिशा में राज्य के अधिकारियों और नगर निगम के पदाधिकारियों से ठोस कार्रवाई करने का आदेश दिया. खंडपीठ मानसून के दौरान अगस्त महीने में पटना में लगातार 2-3 दिनों तक हुई बारिश के बाद यहां उत्पन्न जलजमाव को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई करते हुये यह टिप्पणी की है.
शहर में जलभराव की समस्या
गौरतलब है कि पटना में जारी जलभराव की समस्या को लेकर पटना हाईकोर्ट के तलब किये जाने पर 20 अगस्त को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह खंडपीठ के सामने पेश हुये थे. उन्होंने आश्वस्त किया था कि ज्यादा बारिश न होने की स्थिति में अगले 48 घंटे के अंदर जल निकासी कार्य पूरा कर लिया जायेगा. उसके बाद भी शहर को जलभराव से पूरी तरह छुटकारा नहीं मिल पाया है.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari