भारत बनाम दक्षिण अफ्रीकाः डरबन में ही सिरीज़ का फ़ैसला हो जाएगा?
भारतीय क्रिकेट टीम का रिकॉर्ड विदेशों में ख़ासकर दक्षिण अफ़्रीका में बेहद ख़राब रहा है. भारत अभी तक दक्षिण अफ़्रीका से उसी की ज़मीन पर 26 बार एकदिवसीय क्रिकेट में आमने-सामने हुआ है और 20 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है. भारत को अभी तक केवल पाँच मैचों में ही जीत नसीब हुई है.डरबन में तो भारतीय टीम के नाम दक्षिण अफ़्रीका में उसके ख़िलाफ सबसे कम स्कोर बनाने का भी रिकॉर्ड हैं. साल 2006-07 में पाँच मैचों की सिरीज़ के दूसरे एकदिवसीय मैच में भारतीय टीम जीत के लिए 249 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए महज़ 91 रनों पर सिमट गई थी और उसे 157 रनों से करारी मात का सामना करना पड़ा था.
डरबन का विकेट तब भारतीय बल्लेबाज़ो के लिए कितना खौफ़नाक था यह जानने के लिए इतना ही काफ़ी है कि पूरी भारतीय टीम सिर्फ 29.1 ओवर में ऑलआउट होकर पैवेलियन पहुंच चुकी थी. इससे पहले साल 1992-93 में भी डरबन भारत के लिए कम डरावना साबित नही हुआ था.
उस वक्त सात मैचों की सिरीज़ के छठे मैच में भारत का पुलिंदा 177 रनों पर बंध गया था जबकि जीत के लिए उसे 217 रनों की ज़रूरत थी. साल 2010-11 के अपने पिछले दौरे में भी भारत कुछ विशेष नही कर सका और 35.4 ओवर में 154 रन ही बना पाया था और दक्षिण अफ़्रीका ने उसे 135 रनों से हार का स्वाद चखाया था.ख़राब फॉर्म
उनके निधन से दुख के अथाह सागर में डूबा अफ़्रीका अपने शानदार खेल की बदौलत नेल्सन मंडेला को श्रृद्धांजलि देना चाहेगा वो वही भारत के लिए डरबन की पुरानी यादों को भूलकर मैदान में अपना सब कुछ झोंकना होगा ताकि डरबन में ही तीन मैचों की सिरीज़ का निर्णायक फैसला ना हो जाए.