-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के इंडियन इंटेलीलेंस टेस्ट सीजन-7 का विभिन्न स्कूल में हुआ आयोजन

-स्टूडेंट्स के साथ पेरेंट्स व टीचर्स में रहा क्रेज

VARANASI

हर किसी की चाह बेहतर कॅरियर होता है। लेकिन कई बार कुछ कमियों के कारण उनके सपने साकार नहीं हो पाते। इन्हीं कमियों को जानने, परखने और उनसे पार पाने के लिए दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की ओर से इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट सीजन 7 का शनिवार को आयोजन हुआ। इस आयोजन का नॉलेज पार्टनर एक्सिस कॉलेजेज व पाई एजुकेशन रहा। इसमें संत अतुलानंद कान्वेंट स्कूल, उदय प्रताप पब्लिक स्कूल, एमपी मेमोरियल स्कूल, आर्य महिला नागरमल मुरारका मॉडल स्कूल, गोपी राधा बालिका इंटर कॉलेज, वगीशा पब्लिक स्कूल समेत अन्य स्कूल्स के स्टूडेंट्स ने पार्टिसिपेट किया। इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट के दौरान बच्चों में खुद को परखने को लेकर गजब का उत्साह दिखा।

एमआई के क्वैश्चन में लगाया दिमाग

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट के दौरान सिटी के विभिन्न स्कूलों में बच्चों को सब्जेक्ट वाइज क्वेश्चंस सॉल्व करने में ज्यादा प्रॉब्लम नहीं हुई। लेकिन मल्टीपल इंटेलिजेंस सेक्शन के सवाल हल करने में काफी दिमाग लगाना पड़ा। खासतौर पर पहली बार इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट देने पहुंचे स्टूडेंट्स के लिए यह एक्सपीरियंस बेहद खास रहा। टेस्ट के जरिए खुद को जज करने और अपनी तैयारी को परखने के लिए वह क्वैश्चंस से जूझते नजर आए।

कॅरियर संवारने की फिक्र

इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट में शामिल बच्चों में करियर संवारने की फिक्र साफ दिखाई दी। उनका उत्साह सातवें आसमान पर था। इस मेगा इवेंट को लेकर पैरेंट्स भी काफी उत्साहित थे। उनमें से अधिकतर स्कूल के बाहर खड़े इस बात का इंतजार कर रहे थे कि उनके बच्चे पेपर देकर आएं और बताएं कि उनका पेपर कैसा हुआ। ऐसा ही हुआ। उधर टीचर्स में भी उत्साह देखा गया।

सोच-समझकर दिया जवाब

आईआईटी में क्लास 5 से 12 तक के स्टूडेंट्स शामिल हुए। पेपर भी इसी ढंग से तैयार कराया गया था कि स्टूडेंट्स के आई क्यू लेवल के साथ उसके इंट्रेस्ट के पर्टिकुलर सब्जेक्ट को भी परखा जा सके। इसमें माइनस मार्किग भी रखी गई थी। इसके चलते स्टूडेंट्स ने काफी दिमाग लगाकर सवालों का जवाब दिया। पूरी तरह से सजग रहे।

आकलन करना होगा संभव

इंटेलीजेंस टेस्ट में अपीयर हुए बच्चों में से अधिकतर ने इसके पहले कभी भी ओएमआर शीट यूज नहीं किया था। उन्होंने पहली बार ओएमआर पर एग्जाम दिया है। इसके साथ ही आईक्यू लेवल के प्रश्नों की भी बच्चों ने खूब तारीफ की। उनका कहना था कि इस टेस्ट में शामिल होने के बाद खुद का आंकलन करना संभव होगा। यही नहीं कॅरियर की राह चुनने में भी मदद मिलेगी।

स्टूडेंट्स वर्जन

खुद को जज करने के लिए ऐसे टेस्ट्स काफी हेल्पफुल होते हैं। सभी स्टूडेंट्स को इसमें पार्टिसिपेट करना चाहिए। मेरे पैरेंट्स ने ही इसमें पार्टिसिपेट करने के लिए कहा।

-वैष्णवी गुप्ता, स्टूडेंट

ओएमआर शीट पर टेस्ट देने का यह पहला एक्सपीरियंस था। हालांकि मल्टीपल सेक्शन के सवालों को हल करने से पहले काफी सोचना पड़ा। सब्जेक्ट्स के सवाल कंपैरिटैविली आसान थे।

-कुशाग्री श्रीवास्तव, स्टूडेंट

सिलेबस के सवाल थोड़ा कोर्स से बाहर के थे, क्योंकि कोर्स अभी कंप्लीट नहीं हुआ है। फिर भी ओवरऑल एक्सपीरियंस अच्छा था। ऐसे टेस्ट में हमेशा पार्टिसिपेट करना चाहिए।

-नैवेद्यय शेखर सिंह, स्टूडेंट

पहली बार ऐसे किसी टेस्ट में पार्टिसिपेट किया। पहले तो मन में काफी डर था। लेकिन ओवरऑल टेस्ट अच्छा हुआ। उम्मीद है कि रिजल्ट भी बेहतर आएगा।

-प्रखर पालिवाल, स्टूडेंट

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से ऑर्गेनाइज किया गया आईआईटी सच में आपको आपकी असलियत दिखाने का काम करता है। मुझे टेस्ट में पर्टिसिपेट कर काफी अच्छा लगा।

-अनुष्का शाही, स्टूडेंट

आईआईटी से पेरेंट्स को भी अच्छा मौका मिलता है कि वो अपने बच्चे के अंदर की प्रतिभा को पहचान सकते हैं। लाइफ के लिए कुछ सोचने के बारे में काफी अच्छा मौका मिला है।

-अभिसार रघुवंशी, स्टूडेंट

मैंने इस टेस्ट में पर्टिसिपेट करने के लिए काफी तैयारी की थी। ऑब्जेक्टिव सवालों के जवाब हमारे सामने थे, बस सही को पहचानने की देर थी। पेपर हमारे ही स्टैंडर्ड का था।

-रितिका सिंह, स्टूडेंट

मेरा टेस्ट काफी अच्छा रहा है। रिजल्ट से मुझे और पेरेंट्स को कम से कम यह पता चल सकेगा कि मेरी रुचि किसी फील्ड में है। ताकि मुझे कॅरियर चुनने में आसानी होगी।

-अनुज सिंह, स्टूडेंट

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टीचर्स

बच्चे के लेवल के बारे में जानने का आईआईटी बेस्ट ऑप्शन है। इस एग्जाम से पता लगता है कि बच्चा अभी किस सब्जेक्ट में कहां वीक है और उसे क्या इम्पू्रव करना है।

-डॉ। वंदना ंिसह, डायरेक्टर

संत अतुलानंद कान्वेंट स्कूल

इस एग्जाम का बच्चों में काफी क्रेज था। एग्जाम में हर साल हमारे स्कूल के स्टूडेंट पार्टिसिपेट करते हैं। इससे पता लगता है कि उनका लेवल अभी कितना है और कहां मेहनत की जरूरत है।

-संगीता कुमार, प्रिंसिपल

उदय प्रताप पब्लिक स्कूल

इस तरह का एग्जाम हमेशा कराया जाना चाहिए। एग्जाम का पेपर कंप्टीशन की तैयारी करने वालों के लिए बेहतर है। वैसे भी कंप्टीशन में ओएमआर शीट से एग्जाम होता है।

-आशा श्रीवास्तव, प्रिंसिपल

एमपी मेमोरियल स्कूल

यह एग्जाम स्टूडेंट्स की क्षमता का आंकलन करने का सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म है। इससे स्टूडेंट्स को अपनी दिशा तय करने में हेल्प मिलेगी।

काशिका गुप्ता, प्रिंसिपल

एसएन इंग्लिश स्कूल

आईंआईटी में अपीयर होने के बाद बच्चों को खुद की क्षमता का पता चल जाता है। इससे उन्हें आगे का रास्ता बनाने में किसी की मदद नहीं लेनी पड़ेगी।

रघुवर दास, मैनेजर

वगीशा पब्लिक स्कूल

पैरेंट्स को भी आईआईटी से अपने बच्चे को गाइड करने में बहुत मदद मिलेगी। कम से कम वो जबरदस्ती बच्चे को इंजीनियर व डॉक्टर बनाने के लिए प्रेशर नहीं देंगे।

अनिल अग्रवाल, अध्यक्ष रोटरी क्लब वाराणसी डाउन टाउन

Posted By: Inextlive