आईपीएल मैच के फाइनल से पहले चौक इलाके में पकड़े गए सट्टेबाजों के गिरोह के फरार चल रहे सरगना महेन्द्र सिंह को क्राइम ब्रांच ने बुधवार को अरेस्ट कर लिया. क्राइम ब्रांच ने महेन्द्र के पास से सट्टे के कुल चौदह लाख सत्तर हजार रुपये व एक लग्जरी कार भी बरामद किया है. क्राइम ब्रांच टीम ने महेन्द्र के साथ उसके तीन साथी शिवशरण अवस्थी उर्फ मुच्चु प्रदीप गोस्वामी और अनिल गुप्ता को भी पकड़ा है. महेंद्र के सिगरा स्थित एक कांप्लेक्स में बने ऑफिस पर रेड के दौरान पुलिस को कंप्यूटर लैपटॉप मोबाइल भी मिले हैं.


भागने की फिराक में था नेपाल


एसएसपी अजय मिश्र ने बताया कि महेन्द्र नेपाल भागने की तैयारी में था। एसएसपी के मुताबिक जांच में पता चला है कि क्रिकेटर श्रीसंत के साथ ही एक स्पोट्र्स कंपनी के मालिक से भी महेंद्र के तार जुड़े हैं। इन दोनों के साथ महेंद्र की कोई डील हुई थी या नहीं, इसका पता लगाया जा रहा है। ये भी पता चला है कि श्रीसंत की गिरफ्तारी के बाद पकड़े गए बुकी बंटी को महेंद्र सट्टेबाजी के बाबत सीधे रिपोर्ट देता था। महेन्द्र ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि जिस स्पोट्र्स कंपनी के मालिक से उसके संबंध बताये जा रहे हैं। उसका एक मकान बनारस में भी है और उसकी पहचान भी यहीं उससे हुई थी। फिलहाल एसएसपी ये अभी क्लीयर नहीं कर पा रहे हैं कि जिस स्पोट्र्स कम्पनी के ओनर का नाम महेन्द्र से जुड़ रहा है उसका सट्टेबाजी के गेम में इनवॉल्वमेंट है या नहीं।हाईस्कूल पास और ये कारनामा

मूल रूप से चौबेपुर का रहने वाला महेंद्र महज हाईस्कूल पास है और अस्सी के दशक में बच्चों को वीडियो गेम खिलवाने के लिए दुकान चलाता था। बड़ा मुनाफा देखकर महेंद्र 1988 में अहमदाबाद चला गया। वहां उसने वीडियो गेम्स व जुआ का धंधा शुरू कर दिया। सरकार बदली तो इस पर प्रतिबंध लग गया और धंधा बंद होने पर महेन्द्र अहमदाबाद से मुंबई चला गया और दोबारा उसी धंधे में कूद पड़ा। वर्ष 2004 में जुए और वीडियो गेम के कारोबार से बैन  हटने पर महेंद्र फिर गुजरात भागा और मोटी कमाई और सट्टेबाजों से संपर्क के बाद वह बनारस आ गया।दिखावे का धंधा था वीडियो गेम एसएसपी के मुताबिक महेन्द्र वीडियो गेम की आड़ में सट्टेबाजी का काला कारोबार कर रहा था। इसी के बल पर महेन्द्र ने मुंबई के उपनगर बोरीवली, नई दिल्ली के कालकाजी में भी ऑफिस खोल रखा है। नागपुर के कैलाश चौरसिया की फर्म प्लैनेट जी डॉटकॉम संस्था जो वीडियो गेम्स खिलाती है उसकी फ्रेंचाइजी की आड़ में वह सट्टेबाजी करता था। क्राइम ब्रांच के एसपी कमलेश्वर दीक्षित के मुताबिक महेन्द्र ने बुलानाला व सिगरा स्थित एक कांप्लेक्स में भी ऑफिस खोल रखा है। जहां वीडियो गेम के नाम पर सट्टेबाजी का ही काम होता था। वहीं हरियाणा के हिसार में इसका ऑफिस तैयार हो चुका है जबकि गोरखपुर में काम फाइनल स्टेज में है।कई बड़े नामों का हुआ खुलासा

एसएसपी अजय मिश्र ने बताया कि महेंद्र से पूछताछ में शहर से लेकर अन्य कई राज्यों में सट्टेबाजी से जुड़े लोगों के नाम बताए हैं। इनमे वाराणसी में बुकी के तौर पर महेंद्र ने महमूरगंज के पीडी अग्रवाल, गोलघर मैदागिन के बबलू अग्रवाल, बड़ी पियरी के गोविंद यादव व शिवपुर के सर्वेश सिंह के साथ ही नटराज सिनेमा के सामने स्थित एक जूते की दुकान के मालिक का नाम भी लिया है। जिसे पुलिस पकडऩे में लगी है लेकिन सभी महेन्द्र की गिरफ्तारी की भनक लगते ही भाग निकले हैं।कानपुर में बैठा है महेन्द्र का बॉसएसएसपी के मुताबिक पूछताछ में महेंद्र ने बताया है कि इस धंधे में उसे कानपुर का मनोज कटियार ले आया.  मनोज और महेंद्र दिल्ली में गिरफ्तार बुकी बंटी को रिपोर्ट करते थे। इसके संपर्क में बुकी बीकानेर का सजल बादलानी व अलवर के सुखदेव चायल भी थे जिनसे महेंद्र की मुलाकात दिल्ली के हरेन पांड्या ने कराई थी। गुजरात का रहने वाला हरेन पांड्या गो मूत्र एवं गाय के अन्य उत्पादों से संबंधित बिजनेस करता है और महेंद्र के संबंध मुंबई के सट्टेबाज शोभन व पुणे निवासी केसू से भी हैं। इन दोनों को वहां की क्राइम ब्रांच गिरफ्तार कर चुकी है।मोबाइल से डिलीट कर दिए कान्टैक्ट
एसएसपी ने बताया है कि पिछले दिनों पकड़े गए सट्टेबाजों के मोबाइल के कान्टैक्ट बॉक्स में दर्ज नंबर्स को ट्रेस करने की खबरें अखबारों में पढऩे के बाद महेन्द्र ने अपने मोबाइल से सारे कॉन्टैक्ट डिलीट कर दिए हैं। जिसके कारण इस काले धंधे से जुड़े अन्य लोगों का पता नहीं चल रहा है। इसलिए पुलिस अब इन कान्टैक्ट्स को फिर से रिकवर करने में जुटी हुई है।क्राइम ब्रांच को किया था घूस का ऑफरमहेन्द्र को रुपये की ताकत पर कितना भरोसा था। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब क्राइम ब्रांच टीम ने महेन्द्र को अरेस्ट किया तो उसने क्राइम ब्रांच को ही 25 लाख रुपये घूस देने की पेशकश की। इस गिरफ्तारी के बाद डीआईजी ए सतीश गणेश ने क्राइम ब्रांच टीम में शामिल एसआई रणजीत राय मुन्ना सिंह, टीपी यादव, दिनेश सिंह, रामानंद यादव व राकेश रंजन को दस हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।

Posted By: Inextlive