इंटरनेट कंपनी याहू पर हाल ही में अमेरिका की सुरक्षा एजेंसी ने उसके यूजर्स का डाटा शेयर करने को कहा था. इस पर याहू प्रवंधन ने अपने यूजर्स का डाटा शेयर करने से मना कर दिया. इसके बाद याहू को 250000 डॉलर रोजाना जुर्माने के रूप में भरने का आदेश दिया गया.


डाटा शेयर करो नहीं तो लगेगा जुर्मानायाहू मैसेंजर और याहू मेल जैसी सर्विसेज अवेलेबल कराने वाली कंपनी याहू पर अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी एनएसए ने उसके यूजर्स का डाटा शेयर करने के लिए दबाव बनाया था. इसके बाद भी जब याहू प्रवंधन इसके लिए तैयार नही हुआ तो एनएसए ने कंपनी के ऊपर प्रतिदिन के हिसाब से 250000 डॉलर का जुर्माना लगाने की धमकी दी थी. इसके बाद भी कंपनी प्रशासन डाटा शेयर करने के लिए तैयार नही हुआ. याहू ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा


एनएसए की धमकी के बाद याहू ने अदालत का दरवाजा खटखटाने का डिसीजन लिया. याहू ने कोर्ट से कहा कि एनएसए द्वारा इस तरह की डिमांड असंवैधानिक है. हालांकि इसके बाद भी याहू को अदालत में सफलता नही मिली. लेकिन गुरुवार को इस केस से जुड़े एक जज ने इस मामले से जुड़े कुछ डॉक्यूमेंट्स को एक बंद लिफाफे से बाहर निकालने का आदेश दिया है. इन दस्तावेजों में कई बातें सामने आईं जिनसे याहू का पक्ष मजबूत हुआ है. याहू के वकील ने बताई पारदर्शिता की जीत

कोर्ट द्वारा इस केस से जुड़े डॉक्यूमेंट्स को फिर से देखे जाने को लेकर याहू प्रशासन काफी खुश है. याहू के वकील ने इस बारे में कहा कि इन डॉक्यूमेंट्स का पब्लिक के सामने आना अपने आप में ट्रांसपेरेंसी की जीत है.

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Posted By: Prabha Punj Mishra