अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि एक समझौते के तहत पहली बार ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रमों को रोकने के लिए सहमति दे दी है.


दुनिया के छह शक्तिशाली देशों और ईरान के बीच परमाणु कार्यक्रमों को लेकर हुए इस समझौते का ब्योरा देते हुए ओबामा ने कहा ईरान पर लगे प्रतिबंधों में आंशिक रियायत के एवज में ईरान संवर्धित यूरेनियम के भंडार को कम करेगा और अपने परमाणु संयंत्रों को निगरानी के लिए खोलेगा.पिछले पांच दिनों की वार्ता के बाद इन देशों के विदेश मंत्रियों ने भी इस ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े इस समझौते की पुष्टि की है. समझौते के बाद जेनेवा में ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद ज़रीफ ने कहा कि उनके पास यूरेनियम संवर्धित करने का अधिकार है जिसे ख़त्म नहीं किया जा सकता और वह ऐसा करना जारी रखेगा.


लेकिन अमरीका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि इस समझौते में यह बात नहीं है कि ईरान के पास यूरेनियम संवर्धन का अधिकार है. उधर अमरीका में राष्ट्रपति कार्यालय की ओर जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि शुरुआती छह महीने में ईरान के परमाणु कार्यक्रमों को सीमित किया जाएगा.इस बयान के मुताबिक समझौते में यह बात भी शामिल है कि ईरान की यूरेनियम संवर्धन क्षमता, संवर्धित यूरेनियम के भंडार, इसके सेंट्रीफ्यूज़ की संख्या और अराक रिएक्टर में प्लूटोनियम तैयार करने की क्षमता से जुड़ी गहरी चिंताओं को दूर किया जाएगा.

समझौते का स्वागतईरान के वार्ताकार जावेद जारिफ ने वार्ता के सकारात्मक रहने की उम्मीद जताई थीईरानी वार्ताकारों ने कहा था कि दोनों पक्षों ने प्रगति की है. वहीं दूसरी ओर कुछ अमरीकी नीति निर्माताओं ने कहा था कि अगर वार्ता असफल होती है तो ईरान पर नए सिरे से प्रतिबंध लगाए जाएंगे. ईरान हमेशा से कहता आया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यों के लिए है.लेकिन कुछ वैश्विक शक्तियों को संदेह है कि वह परमाणु हथियार बनाने की क्षमता विकसित करना चाह रहा है. वार्ताकार बुधवार से ही किसी ऐसे नतीजे तक पहुंचने के लिए बातचीत कर रहे थे जो ईरान के साथ ही पी5+1 को स्वीकार हो. पी5+1 में अमरीका, रूस, चीन, फ़्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी शामिल हैं.अमरीका के विदेश मंत्री जॉन केरी और ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग भी इस वार्ता में शामिल होने के लिए जिनेवा पहुंचे. अन्य पश्चिमी देशों के मुकाबले फ़्रांस ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कड़ा रुख अपनाया था और फ्रांस ने लगातार अपने साथी वार्ताकारों को ज़्यादा समझौता नहीं करने के लिए कहा.

कैथरीन ने शुक्रवार को ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जाफरी से संक्षिप्त मुलाकात की थी और इस मुलाकात को ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ने "जटिल और मुश्किल" बताया है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh