अपनी ही बसों में पैसेंजर्स को नहीं मिल रही जगह
-परिवहन निगम ने लोकल रूट की बसों को लांग रूट पर लगाया
- लोकल पैसेंजर्स को नहीं बैठा रहे कंडक्टर, मांग रहे लांग रूट का किराया बरेली: दिवाली के चलते लांग रूट के पैसेंजर्स के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। लोकल रूट के पैसेंजर्स को अपने ही रूट की बसों में बैठने के लिए जगह नहीं मिल रही है। वहीं जब पैसेंजर्स इसका विरोध कर रहे हैं तो कंडक्टर उनसे लांग रूट का किराया मांग रहे हैं। इससे कई बसों में पैसेंजर्स और कंडक्टर्स के बीच जमकर विवाद हुआ। कई पैसेंजर्स को मजबूरी में डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ा। दूसरे डिस्ट्रिक्ट का किरायालोकल रूट जैसे बरेली से मीरगंज, फरीदपुर, नवाबगंज और आंवला को जाने वाले पैसेंजर्स को लोकल बताकर बस कंडेक्टर बैठाने से मना कर दे रहे थे। कंडेक्टर का कहना था कि लोकल नहीं अगली डिस्ट्रिक्ट का किराया लगेगा उतर चाहे लोकल में जाओ। हलांकि इससे परिवार के साथ सफर कर रहे पैंसजर्स को सबसे अधिक प्रॉब्लम हुई।
टोलफ्री नम्बर भी हेल्पलेसपैसेंजर्स की सुविधा के लिए निगम ने टोल फ्री नम्बर तो जारी किया है। लेकिन नम्बर कनेक्ट ही नहीं होता है। परेशान पैेसेंजर्स ने कर्मचारियों से शिकायत की लेकिन कोई समाधान नहीं मिला, तो पैसेंजर्स ने टोल फ्री नम्बर 18001802877 पर कई बार अलग-अलग नम्बर से कॉल की। लेकिन नम्बर कनेक्ट ही नहीं हुआ। इससे पैसेंजर्स भटकते हुए प्राइवेट वाहनाें से रवाना हुए।
डग्गामार ने बढ़ाया किराया परिवहन निगम ने जहां लोकल रूट के पैसेंजर्स को बैठने से इनकार किया तो वहीं लोकल रूट पर चलने वाले प्राइवेट वाहनों पैसेंजर्स की मजबूरी का खूब फायाद उठाया। उन्होंने किराया बढ़ा दिया। जहां 15 रुपए लेते थे वहां पर 20 रुपए किराया कर दिया। किराया बढ़ने से पैसेंजर्स को और भी अधिक प्रॉब्लम फेस करनी पड़ी। पैसेजर्स को बैठाने से मना नहीं कर सकते हैं लेकिन जब लांग रूट के ही पैसेंजर्स से बस फुल हो जाएगी तो पहले लांग रूट के पैसेंजर्स को वरीयता दी जाती है। क्योंकि आगे बस जाएगी तो खाली न जाए। चीनी प्रसाद एआरएम कटरा जाने के लिए बस पर बैठने के लिए आया लेकिन बस कंडक्टर ने शाहजहांपुर का टिकट बनाने के लिए बोल दिया। बताया कि लोकल का पैसेंजर्स नहीं बैठाना। स्वरूप सिंह -जो बसें लोकल रूट की चलती थी वह भी लोकल का पैसेंजर्स नहीं बैठाना चाह रहे हैं। इससे पैसेंजर्स को प्रॉब्लम कम होने की जगह बढ़ी हुई हैं। सतनाम सिंह-ट्रेन में तो जगह वैसे भी नहीं है,अब तो रोडवेज की बस में भी जगह नहीं मिल रही। लोकल पैसेंजसै के लिए कोई जगह नहीं मिल रही बस से जिससे वह डग्गामार के सहारे हैं।
चतर सिंह -कटरा जाने के लिए बस में बैठा था, लेकिन मना कर दिया। जब मैंने टोल फ्री नम्बर पर शिकायत के लिए फोन किया तो फोन लगा ही नहीं। किसी ने सुनी भी नहीं। रमन गंगवार