संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस्लामी चरमपंथियों की ओर से इराक़ के दो प्रमुख शहरों मूसल और तिकरित पर कज्बा जमाने और हमले की निंदा की है.


संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि मूसल, जहाँ से क़रीब पांच लाख लोग पलायन कर चुके हैं, वहां की मानवीय स्थिति बहुत ही गंभीर है और पल-पल बिगड़ती जा रही है.इस बीच इराक़ के प्रधानमंत्री नूरी मलीकी ने आईएसआईएस के चरमपंथियों के खिलाफ लड़ने की प्रतिबद्धता जताई है. उन्होंने कहा कि वो भागने वाले और प्रतिरोध न करने वाले सैनिकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.लगातार बिगड़ती स्थितिसंयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बयान में मूसल में हाल में हुई घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा की है. वहीं संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने गंभीर सुरक्षा स्थिति का सामना कर रहे इराक़ के साथ एजुटता दिखाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक होने की अपील की है.


बैजी के एक निवासी ज़ासीम अल-कैसी ने रॉयटर्स को कहा कि चरमपंथियों ने शहर में कबायली नेताओं को फ़ोन करके कहा, "हम बैजी आ रहे है या तो मरेंगे या बैजी पर नियंत्रण करेंगे. इसलिए हम आपको सलाह देते हैं कि पुलिस और सेना में शामिल आप अपने बेटों को कहिए कि वे हथियार डाल दे."सहयोग की अपील

अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेन पास्की ने कहा कि इराक़ में स्थिति "बहुत गंभीर" है और इस आक्रमण का मुक़ाबला करने के लिए अमरीका एक मज़बूत और समन्वित प्रतिक्रिया का समर्थन करता है.संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के प्रवक्ता ने इराक़ के दूसरे बड़े शहर मोसूल में बिगड़ते सुरक्षा हालात पर चिंता व्यक्त की है.सूत्रों ने बीबीसी को बताया कि दसियों हज़ार लोग पड़ोसी कुर्दिस्तान के तीन शहर की ओर जा रहे हैं, जहाँ अधिकारियों ने उनके लिए अस्थायी शिविरों का इंतज़ाम किया है.कुर्दिस्तान के प्रधानमंत्री नचोरविन बारज़ानी ने एक बयान जारी कर संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संस्था से सहयोग की अपील की है.पांच दिन की लड़ाई के बाद उन्होंने क़रीब 18 लाख की आबादी वाले मूसल शहर के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर क़ब्ज़ा कर लिया है.संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़ मई में हुई सांप्रदायिक हिंसा में क़रीब आठ सौ लोगों की मौत हो गई इनमें 603 नागरिक शामिल हैं. पिछले साल इस तरह की हिंसा में 8860 लोगों की मौत हुई थी.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari