सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल की फ्रैंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बीसीसीआई पर शि‍कंजा कसा है. सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से पूछा क‍ि जब गड़बड़ी पता चल गई थी तो उसके बाद भी सीएसके को बाहर का रास्‍ता क्‍यों नहीं द‍िखाया गया. कोर्ट ने यह भी साफ कह दिया कि‍ ज‍िन लोगों के नाम गड़बड़ी में शाम‍िल हैं वे बीसीसीआई के चुनाव से दूर रहें. इसके साथ्‍ा ही चेन्‍नई टीम से जुड़े लोगों का पूरा ब्‍यौरा मांगा हैं.

श्रीनिवासन नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल मामले में तल्ख तेवर अपनाते हुए बीसीसीआई को फटकार लगाई है कि मामला संज्ञान में आने के बाद भी बीसीसीआई चुप क्यों रही. कोर्ट ने बीसीसीआई से जवाब मांगा है कि आखिर उसने सीएसके के खिलाफ कड़ एक्शन क्यों नहीं लिए. इसके बाद भी यह कह दिया है कि अब नए सिरे से बीसीसीआई के चुनाव होंगे. जिसमें जो लोग दागी हैं या जिनका नाम इसमें शामिल है वे इसमें भाग नहीं ले सकेंगे. ऐसे में सीएसके का मालिकाना हक रखने वाली इंडिया कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीनिवासन अध्यक्ष पद हेतु चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इस सप्ताह की शुरुआत में मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'बतौर बीसीसीआई अध्यक्ष श्री निवासन से तल्ख तेवरों में कहा था कि आईपीएल अच्छे से और स्वच्छ तरीके से चले, लेकिन बतौर टीम मालिक आपकी क्या ड्यूटी है? टूर्नामेंट जीतना.'

 

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा ब्यौरा
जस्टिस मुद्गल कमिटी ने कहा है कि श्रीनिवासन के दामाद और सीएसके के अधिकारी रह चुके गुरुनाथ मयप्पन सट्टेबाजी में शामिल थे. श्रीनिवासन खुद हितों के टकराव के मामले में आरोपी हैं. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इंडिया सीमेंट्स में श्रीनिवासन के परिवार के सदस्यों की हिस्सेदारी का ब्योरा भी मांग गया है और पूछा है गया है कि चेन्नई सुपरकिंग्स में 400 करोड़ का निवेश करने की योजना किसने और किस आधार पर बनाई.

Hindi News from Sports News Desk

Posted By: Satyendra Kumar Singh