Tease the Teasers...
हर देश का एक अलग कल्चर होता है, लेकिन जब बात लड़कियों की आती है तो पेरिस से लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान से लेकर अमेरिका तक उन्हें एक ही नियम में बांधने की कोशिश की जाती है. उनके लिए दायरे तय कर दिए गए हैं.
बात चाहे टोरंटो की हो, लंदन की हो या फिर भारत की, लड़कियों के लिए सिचुएशंस हर जगह शायद एक जैसी ही हैं. ‘स्लट’ का मतलब होता है वेश्या, लेकिन जब टोरंटो ने अप्रैल में पहली ‘स्लटवॉक’ होस्ट की तो इस शब्द के मायने ही बदल गए.
टोरंटो में हुई स्लटवॉक को करीब 3,000 लोगों ने अटैंड किया था. लंदन में करीब 2,000, शिकागों में 1500 से ज्यादा, बोस्टन में 2,000 और बाकी जगहों पर इस कैंपेन में हजारों लोगों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी. ऐसे में क्या भारत में भी 31 जुलाई को होने वाले ‘बेशर्मी मोर्चा’ में इतने ही लोग शामिल होंगे, कहना थोड़ा मुश्किल है. भोपाल में हुई स्लटवॉक में शामिल लड़कियों की संख्या 100 से कुछ ज्यादा थी. उमंग की साथी और स्लटवॉक की एक और ऑर्गनाइजर मिश्का सिंह के मुताबिक उन्हें पूरी उम्मीद है कि दिल्ली में रविवार की सुबह देश में एक नई शुरुआत होगी. इस इवेंट को लोगों ने काफी अच्छा रिस्पांस अभी तक दिया है.