साढ़े तीन साल में तैयार हुई अन्नपूर्णा रसोई का मेयर ने किया इनॉगरेशनदस रुपये में मिलेगा भरपेट भोजन संचालन की जिम्मेदारी एनजीओ को देगा नगर निगमदस रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध कराने की नगर निगम की महत्वाकांक्षी योजना ने गुरुवार को पहला पड़ाव पूरा कर लिया. साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च करके तैयार हो चुकी अन्नपूर्णा रसोई का नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही मेयर अभिलाषा गुप्ता ने इसका इनॉगरेशन कर दिया. अलग बात है कि इनॉगरेशन के अलावा कुछ नहीं हुआ. प्रोग्राम समाप्त होने के बाद इसका शटर डाउन हो गया. इसका कारण पता करने पर बताया गया कि इसका संचालन 'सहयोगÓ से किया जाना है. नगर निगम एनजीओ को इसे संचालित करने का ठेका देगा. किसी एनजीओ से अभी तक टाईअप न हो पाने के चलते ऐसा हुआ है. वैसे मेयर का दावा है कि एक सप्ताह के भीतर इसका संचालन शुरू हो जाएगा.

प्रयागराज ब्यूरो । नगर निगम के पास बनी अन्नूपूर्णा रसोई के बारे में जानकारी देते हुए मेयर अभिलाषा गुप्ता ने बताया कि यहां दस रुपये में कोई भी भरपेट भोजन कर सकेगा. उन्होंने बताया कि इसके संचालन का जिम्मा ऐसे एनजीओ को दिया जायेगा जिसके पास पहले से ऐसे भंडारे या रसोई चलाने का तजुर्बा हो. क्योंकि, कम लागत में पूरा भोजन उपलब्ध कराना सबके बस की बात नही है. बता दें कि प्रदेश में निकाय चुनाव की घोषणा किसी भी दिन संभव है. वार्डों का आरक्षण जारी करके उस पर आपत्तियां ली जा चुकी हैं. मेयर और नगर पालिका अध्यक्ष पदों का भी आरक्षण जारी किया जा चुका है. अधिसूचना जारी होने के बाद इनॉगरेशन संभव नहीं होगा और चुनाव की प्रक्रिया जारी रहने तक इसका शुभारंभ भी नहीं हो सकेगा. माना जा रहा है कि इसी के चलते उदघाटन करा दिया गया है. इसके बाद बाकी की प्रक्रिया चलती रहेगी.

कई एनजीओ ने किया है आवेदन
रसोई को चलाने के लिए तीन से चार एनजीओ ने आवेदन किया है.
लेकिन इनमें से एक का चयन किया जाएगा. यह रसोई जन सहयोग से चलेगी.
इसमें दस रुपए में भरपेट भोजन दिया जाएगा और पांच रुपए में नाश्ता दिया जाएगा.
नाश्ते में चार समोसा या कुछ और होगा. महंगाई के जमाने में इस रसोई का चलाने के लिए पब्लिक का सहयोग लिया जाएगा.
इसके लिए एकाउंट भी खुलवाया जा रहा है. पब्लिक सहयोग राशि इस एकाउंट में सीधे ट्रांसफर कर सकेगी.
इसके अलावा कोई अनाज, सब्जी या मसाले देना चाहता है तो वह भी लिखापढ़ी में लिया जाएगा.
इसके लिए भी एक कमेटी का गठन किया जाना है.

साढ़े तीन साल में हुई तैयार
नगर निगम का यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट कोरोना काल शुरू होने से पहले का है. कोरोना महामारी की वजह से अन्नपूर्णा रसोई के निर्माण की रफ्तार सुस्त पड़ गयी. इसका नतीजा यह हुआ कि डेढ़ साल में होने वाले काम को पूरा करने में साढ़े तीन साल लग गए. नवाब युसुफ रोड पर यह रसोई बनाई गयी है. इसे पूरी तरह से संचालित करने में 70 से 80 लाख तक का खर्च आ सकता है. संसाधन जुटाने का काम तेजी से किया जा रहा है. इनॉगरेशन के मौके पर नगर आयुक्त चंद्रमोहन गर्ग, अपर नगर आयुक्त अरङ्क्षवद राय, जोनल अधिकारी संजय ममगई, पर्यावरण अभियंता उत्तम वर्मा, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा अभिषेक ङ्क्षसह, अधिशासी अभियंता एके ङ्क्षसह आदि मौजूद रहे.

माघ मेले में रहेगी आवश्यकता
मेयर का कहना है कि अन्नपूर्णा रसोई की आवश्यकता माघ और कुंभ मेले में सबसे ज्यादा रहेगी. जब देशभर से आए श्रद्धालुओं को यहां पर कम पैसे में भरपेट भोजन और नाश्ता मिलेगा. माघ मेले से पहले इसका संचालन शुरू हो जाएगा. बता दें कि इसके पहले गुरुवार को रसोई का उदघाटन किया गया और इसके बाद इसे बंद कर दिया गया. इससे पहले कि चर्चा का माहौल गर्म होता, मेयर ने बताया कि एक सप्ताह में इसका प्रॉपर संचालन कर दिया जाएगा.

ऐसे होगा संचालन
नगर निगम की यह रसोई सुबह से देर रात तक संचालित होगी.
किस समय नाश्ता मिलेगा, किस समय भोजन इसका निर्धारण एजेंसी तय होने के बाद होगा.
दरअसल नगर निगम मुख्यालय से चंद कदम की दूरी पर ही प्रयागराज जंक्शन भी है.
इस रास्ते से भी यात्रियों का आना-जाना रहता है, ऐसे में आसार यही हैैं कि रसोई देर रात तक संचालित होगी.

अन्नपूर्णा रसोई का आज इनॉगरेशन कर दिया गया है. इसे संचालित करने के लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया जारी है. आवेदन भी आए हैं. नगर निगम की तरफ से पूरा प्रयास है कि एक सप्ताह के भीतर यहां लोगों को भर पेट भोजना मिलना शुरू हो जाय.
अभिलाषा गुप्ता
मेयर, प्रयागराज

Posted By: Prayagraj Desk