भारतीय पुरातत्व विभाग का एक दल उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले में शुक्रवार को खुदाई शुरू कर देगा. यह खुदाई कथित रूप से शोभन सरकार नामक एक साधु के एक सपना देखने पर आधारित है.


इस साधु ने सपना देखा था कि राजाराव रामबक्श के किले के खंडहर में एक हज़ार टन सोना दबा हुआ है. जबकि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने यहाँ जमीन के नीचे भारी मात्रा में किसी धातु के दबे होने की पुष्टि की है.भारत में पहले भी इस तरह खज़ाने मिलने की बात जब-तब सामने आती रही हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ चर्चित मामलों के बारे में.श्री पद्मानाभास्वामी मंदिरफरवरी, 2012 के में केरल के तिरुवनंतपुरम में 16वीं सदी के श्री  पद्मानाभास्वामी (विष्णु) मंदिर के दो भूमिगत तहखानों से अरबों रुपए के कीमती हीरे, सोना और चांदी बरामद हुई थी.इस मंदिर को 16वीं सदी में त्रावनकोर के राजाओं ने बनवाया था. स्थानीय लोकगाथाओं में ज़िक्र है कि मंदिर की दीवारों और तहखानों में राजाओं ने ख़ासे हीरे- जवाहरात छिपा दिए थे.


देश में भगवान विष्णु के मशहूर मंदिरों में शुमार इस मंदिर में नौ सौ अरब रुपए की कीमत का खज़ाना होने की बात कही जा रही थी.रिपोर्टों के मुताबिक मंदिर के खज़ाने को सूचीबद्ध करने के लिए विशेष रुप से विकसित किए गए डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था.

माना जाता है कि श्री पद्मानाभास्वामी (विष्णु) मंदिर के चार में से दो तहखानों को पिछले 130 वर्षों से खोला नहीं गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सात सदस्यों की एक समिति को इनमें दाख़िल होने और वहाँ मौजूद चीज़ों का आकलन करने का आदेश दिया था.अनाधिकारिक आकलन के मुताबिक चार दिन के निरीक्षण में पाई गई चीज़ों की कीमत करीब 25 अरब रुपए थी.लेकिन इतिहासकारों का कहना है कि इन चीज़ों की असल कीमत बता पाना बहुत ही मुश्किल है.हैदराबाद में खज़ानाऐसा माना जाता है जयपुर के राजा मान सिंह प्रथम ने अपना अकूत खज़ाना सम्राट अकबर से बचाकर जयगढ़ के किले में छिपा दिया था.स्थानीय पूर्वजों के अनुसार राजा मान सिंह ने यह खज़ाना भूमिगत कुंओं में छिपा दिया था. कहा जाता है पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल के वक्त जयगढ़ के किले में खुदाई का आदेश दिया था.उस वक्त विपक्षी दलों ने इंदिरा गाँधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने दिल्ली-जयपुर मार्ग जनता के लिए बंद कर दिया था और किले में मिले खज़ाने को सेना के ट्रकों में लादकर प्रधानमंत्री निवास ले जाया गया था.

हालाँकि अभी तक इस बारे में कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिली है कि मानसिंह का खज़ाना था भी या नहीं, और अगर था तो यह अभी भी जयगढ़ के किले में ही छिपा है या निकाल लिया गया है?कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर का खज़ानाजनवरी 2010 में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित महालक्ष्मी मंदिर के महाखज़ाने ने सबकी आँखें चौंधिया दीं थीं.करीब 900 साल पुराने इस मंदिर में खज़ाने की गिनती के दौरान बेशुमार करोड़ों के हीरे- जवाहरात औऱ आभूषण पाए गए थे.कहा जाता है कि मंदिर में कोंकण के राजाओं, चालुक्य राजाओं, आदिल शाह, शिवाजी और उनकी मां जीजाबाई तक ने चढ़ावा चढ़ाया था.यह मंदिर 27 हजार वर्गफीट में फैला हुआ है. आदि शंकराचार्य ने महालक्ष्मी की मूर्ति की मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा की थी.

Posted By: Satyendra Kumar Singh