पद्म विभूषण और पद्म भूषण से भी सम्‍मानित रतन टाटा का नाम बिजनेस के क्षेत्र में फेमस है. 1961 टाटा ग्रुप से अपना करियर शुरू करने के बाद वो 1991 में इसी कंपनी के चेयरमैन भी बने. बतौर चेयरमैन पिछले 21 साल में टाटा ने अपनी कंपनी को दुनिया में एक अलग पहचान दिलाई.


मिला पद्म विभूषण और पद्म भूषण सम्मानरतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था. पारसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले रतन और उनके भाई को उनकी नानी नवाजबाई टाटा ने पाला. उनके माता पिता उस वक्त अलग हो गए थे जब रतन 10 साल और उनके भाई जिम्मी 7 साल के थे. रतन टाटा 21 साल तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे. फिलहाल टाटा संस के चेयरमैन एमेरिट्स हैं. 1991 में टाटा समूह के चेयरमैन का पद संभालने वाले रतन टाटा ने तब से लेकर अब तक अपनी कंपनी को बुलंदियों पर पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. रतन टाटा को पद्म विभूषण और पद्म भूषण से भी नवाजा गया. पीएम की व्यापार एवं उद्योग परिषद के सदस्य
रतन की अगुवाई में टाटा समूह ने दुनियाभर में कंपनियां खरीदी. इनमें टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस प्रमुख हैं. रतन टाटा ने चेयर मैन बनने के बाद सबसे पहले पुराने गार्डों को बाहर निकालकर युवा प्रबंधकों को जिम्मेदारी दी. जब से उन्होंने कार्यभार संभाला, तभी से लेकर समूह का आकार ही परिवर्तित कर दिया. समूह वर्तमान में भारतीय शेयर बाजार में किसी भी अन्य उद्योग से अधिक बाजार पूंजी रखता है. रतन नवल टाटा के ही मार्गदर्शन में टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस सार्वजनिक निगम बनी और टाटा मोटर्स न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचिबद्ध हुई. रतन टाटा देश के भी अनमोल रतन हैं जिन्होंने भारतीय कंपनी को दुनिया का अग्रणी बना दिया. रतन टाटा प्रधानमंत्री की व्यापार एवं उद्योग परिषद के भी सदस्य है.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh