पुल से लटक रहे हैं लोहे के मोटे-मोटे जर्जर प्लेट

ट्रेन गुजरते समय कभी गिरकर किसी की ले सकते हैं जान

ALLAHABAD: सिविल लाइंस को पुराने शहर से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण निरंजन पुल के नीचे से गुजरने वाले हजारों लोगों के सिर पर इन दिनों मौत मंडरा रही है। क्योंकि पुल के ट्रैक पर बिछाई गई लोहे की मोटी-मोटी प्लेटें जर्जर होकर नीचे की ओर लटक रही है। ट्रेन गुजरने के दौरान झटका लगने से कभी भी ये प्लेटें नीचें गिरकर लोगों की जान ले सकती है। जर्जर पुल की मरम्मत का काम प्रस्तावित होने के कारण रेलवे अधिकारियों का ध्यान लटक रही मोटी प्लेटों की ओर नहीं है।

सैकड़ों वर्ष पुराना है पुल

दिल्ली-हावड़ा रूट के अप व डाउन लाइन पर स्थित शहर का निरंजन डॉट पुल सैकड़ों वर्ष पुराना है, जो स्थापना के बाद से लेकर आज तक कभी बदला नहीं गया है। इसकी वजह से पुल से होकर गुजरे टै्रक पर बिछाई गई लोहे की प्लेटें जंग लगने के कारण जगह-जगह से टूट कर नीचे की ओर लटक रही हैं।

हटा दी गई सुरक्षा चादर

डॉट पुल की चादरें जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो जाने की वजह से ट्रैक से ट्रेनें गुजरने के दौरान बाइक, साइकिल, रिक्शा व कार पर गंदगी गिरती थी। गंदगी लोगों पर न गिरने पाए इसलिए रेलवे ने रेलवे ट्रैक के नीचे लोहे की चादरें लगा दी थीं, ताकि गंदगी लोगों पर न गिरने पाए। कुछ दिनों पहले रेलवे के अधिकारियों ने मरम्मत कार्य के नाम पर चादरों को हटवा दिया। लेकिन मरम्मत कार्य केवल आधे पुल का ही हुआ।

रस्सी लगाकर बांधी गई है प्लेट

सिविल लाइंस साइड से जानसेनगंज की ओर आते समय निरंजन पुल के नीचे से गुजरने के दौरान जब नजर उठाएंगे तो पता चल जाएगा कि खतरा कितना बड़ा है। जर्जर हो चुके मोटे-मोटे लोहे के चादर को रस्सी से बांधा गया है। वहीं कुछ जगह पर तो बस यूं ही लोहे की चादर लटक रही है, जो अगर नीचे गिरी तो बड़ा हादसा हो सकता है।

फैक्ट फाइल

शहर के सबसे महत्वपूर्ण और व्यस्त रूटों में एक है निरंजन डॉट पुल

प्रति मिनट पुल के नीचे से गुजरते हैं दर्जनों वाहन

निरंजन पुल के आधे हिस्से की कराई जा चुकी है मरम्मत, जिससे गुजरती हैं वाराणसी रूट की गाडि़यां

वहीं दिल्ली-हावड़ा रूट के लाइन व पुल के गर्डरों की होनी है मरम्मत

सबसे व्यस्त रूट दिल्ली-हावड़ा के मेन लाइन पर स्थित है निरंजन डॉट पुल

जिससे होकर गुजरती हैं पर डे राजधानी, जन शताब्दी व मालगाड़ी समेत करीब 200 से अधिक ट्रेनें

जर्जर पुल की मरम्मत के साथ ही वर्षो पुराने गार्डरों को बदला जाना है। जिसके लिए जल्द ही काम शुरू होना है। रेलवे बोर्ड से ब्लॉक लेकर काम शुरू करने की मंजूरी मिलते ही मरम्मत कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

अमित मालवीय

पीआरओ, एनसीआर

Posted By: Inextlive