-पुलिस की दबिश से पहले ही बंद कर दिया गया

-पुलिस ने दो ठगों को पकड़ा, एक अन्य की तलाश

बरेली- बीसलपुर चौराहा पर फर्जी कॉल सेंटर पकड़े जाने के बाद कई खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में सरगना समेत दो साइबर ठगों को पकड़ लिया है। ठगों से पूछताछ में आया कि जहां पर काल सेंटर पकड़ा गया था, उससे कुछ दूरी पर उससे बड़ा फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। पुलिस ने यहां दबिश भी दी लेकिन पहले काल सेंटर के पकड़े जाने के बाद से यहां से सभी फरार हो गए थे। यहां पर 20 से 25 ग‌र्ल्स काम कर रही थीं। पुलिस को यहां पर ताला लगा मिला। वहीं इस मामले में पुलिस ने काल सेंटर से पकड़ी गई ग‌र्ल्स के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है। पुलिस का कहना है कि ग‌र्ल्स को भी झांसे में लेकर जॉब पर रखा गया था।

कृष्णा है असली मास्टरमाइंड

बता दें कि बारादरी पुलिस ने बीसलपुर चौराहा से फर्जी कॉल सेंटर पकडा था। यहां से 12 ग‌र्ल्स को पकड़ा गया था और मौके से बड़ी संख्या में डॉक्यूमेंट, मोबाइल, लैपटॉप मिले थे। पूछताछ में ग‌र्ल्स ने बताया कि काल सेंटर संचालक प्रशांत भार्गव है, जो फरार है। वह मूलरूप से संभल का है और पवन बिहार में किराये पर रहता है। पुलिस ने जब प्रशांत को पकड़ा तो पता चला कि इस रैकेट का असली मास्टरमाइंड कृष्णा है जो बिसौली बदायूं का रहने वाला है। उसने ही प्रशांत को भी काल सेंटर चलाने की ट्रेनिंग दी थी।

लॉकडाउन में बंद था सेंटर

पुलिस की जांच में आया कि दोनों काल सेंटर एक वर्ष से अधिक समय से चल रहे थे। लॉकडाउन पीरियड में इन्हें बंद कर दिया था और करीब एक महीने से फिर से काल सेंटर चालू कर दिए गए थे। कृष्णा और प्रशांत मॉर्निग में काल सेंटर पर जाते थे और वहां काम करने वाली ग‌र्ल्स को रोजाना 15 से 20 लोगों को काल कर फांसने का टारगेट देता था। उसके बाद जो काल करने से झांसे में आ जाता था, उसे मेल भेजा जाता था। यही नहीं उन्हें टेलीफोनिक इंटरव्यू के लिए काल किया जाता था। इंटरव्यू कृष्णा लेता था। कृष्णा ही नौकरी पक्की होने की बात कहकर 20 से 25 हजार रुपए तक की रकम डलवा लेता था। वह हजारों लोगों से ठगी कर चुके हैं। ठगी की रकम प्रशांत और कृष्णा के 4 अकाउंट में ट्रांसफर की जाती थी। काल सेंटर से दिल्ली, मुंबई, कर्नाटक, बैंग्लोर, तमिलनाडु समेत पूरे इंडिया के अलग-अलग शहरों में रहने वाले लोगों से ठगी की जाती थी।

सभी ग‌र्ल्स के परिजन रोए

मंडे को काल सेंटर से पकड़ी गई ग‌र्ल्स के बारे में जब परिजनों को सूचना मिली तो सभी परेशान हो गए। सभी रात में थाने पहुंचे और अपनी बच्चियों को निर्दोष बताया। यही नहीं सभी ट्यूजडे थाने पहुंचने और छोड़ने की मांग की। उसके बाद परिजन एसएसपी ऑफिस पहुंचे और एसपी ट्रैफिक और शिकायत प्रकोष्ठ प्रभारी से उन्हें छोड़ने की मांग की। यही नहीं सभी वहीं अपनी बच्चियों को निर्दोश बताते हुए फूट-फूटकर रोने लगीं। जिसके बाद सभी को थाने भेजा गया। जब इस बारे में थाना प्रभारी से पूछा तो उनका कहना है कि अभी तक ग‌र्ल्स का कोई रोल सामने नहीं आया है। ग‌र्ल्स को भी एक-दूसरे से संपर्क कर नौकरी डॉट काम में ही जॉब देने के बहाने से झांसे में लेकर काम पर रखा गया था। उनके अकाउंट में रकम भी नहीं आती थी। ग‌र्ल्स सिर्फ काल करती थीं। ईमेल करना, इंटरव्यू लेना व अन्य काम कृष्णा और प्रशांत करते थे और यही अपने अकाउंट में रकम डलवाते थे। ग‌र्ल्स की भूमिका की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही एफआईआर दर्ज की जाएगी।

Posted By: Inextlive