नींद न पूरी होने से उड़ रहा है 'दिल का चैन'
- हार्ट अटैक के लिए नींद पूरी न होना भी एक वजह
- फास्ट फूड और ऑक्सीडाइज ऑयल बना रहा है मरीज GORAKHPUR: दिल लगाने के बाद नींद उड़ना तो आम बात है लेकिन अब यंगस्टर्स की नींद उनके दिन का चैन चुरा रही है। नींद पूरी न होने से वह हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारी का शिकार हो रहे हैं। यंग जनरेशन जैसे-जैसे फिजिकल एक्टिविटी से दूर हो रही है, बीमारियां उनके करीब आती जा रही हैं। मोबाइल को उन्होंने साथी बनाया है, जो उन्हें ओबेसिटी और डायबिटीज बांट रहा है। यह बात सामने आई है कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। अतुल शाही की एक स्टडी में, जहां यंग जनरेशन पर किए सर्वे में उन्हें 90 परसेंट दिल के मरीज ऐसे मिले हैं, जो सात घंटे से भी कम सोते रहे हैं। इसके अलावा स्मोकिंग, एक्सरसाइज से दूरी और डाइट से भी यंगस्टर्स इस बीमारी का शिकार हुए हैं।ब्म् लोगों पर की गई स्टडी
डॉ। अतुल शाही की ने स्टडी रिपोर्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने पास पहुंचे यंग मरीजों की लाइफ पर स्टडी की। इस स्टडी में ख्ख् से ब्0 साल तक के लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें पिछले ढाई सालों में हॉस्पिटल की इमरजेंसी में हार्ट अटैक के लिए भर्ती किया गया। मरीजों अके साथ उनकी फैमिली कितना सोती है, इस पर नजर रखी गई। ब्म् लोगों पर की गई स्टडी में यह बात सामने आई कि 90 परसेंट लोग ऐसे हैं, जो रोजाना 7 घंटे से कम सोते हैं। उन्होंने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) की स्टडी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ख्भ् से म्ब् साल उम्र के मेल मरीजों में दिल का दौरा पड़ने का रीजन डायबिटीज से जुड़ा नहीं है। करीब दो-तिहाई पार्टिसिपेंट्स को नींद न आने की प्रॉब्लम भी पाई गई।
दो से ढाई गुना खतराडॉ। शाही ने बताया कि कम नींद लेने वाले मेल्स पर की गई स्टडी में यह बात सामने आई कि भरपूर नींद लेने वालों के मुकाबले नींद न लेने वाले मरीजों में ख् से ख्.म् गुना ज्यादा खतरा पाय गया। भ् पांच से क्ब् साल बाद यह खतरा क्.भ् से चार गुना ज्यादा हो गया। उन्होंने कहा कि कम नींद से प्रमुख हार्मोन लेप्टिन और घ्रेलिन का बैलेंस बिगड़ जाता है। ये हार्मोन भूख को कंट्रोल करने और हमें यह समझने में मदद करते हैं कि हमने पर्याप्त खाना खा लिया है। देर तक जागने और सुबह जल्दी उठने की मॉडर्न लाइफस्टाइल हमारे स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है। सोने से पहले स्मार्टफोन और टैबलेट का इस्तेमाल करने से मेलाटोनिन के लेवल में कमी आती है और नींद आने में प्रॉब्लम होने लगती है।
सोने से घट जाता है खतरा उन्होंने कहा कि स्मोकिंग, एक्सरसाइज नहीं करने और कमजोर डाइट के साथ-साथ कम नींद को भी हार्ट डिजीज की एक वजह है। डॉ। शाही ने बताया कि हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोग (सीवीडी) में पर्यापत नींद उतनी ही जरूरी है, जितना कि धूम्रपान नहीं करना। रात में सात घंटे या इससे अधिक सोने से हार्ट अटैक और सीवीडी का जोखिम ख्ब् परसेंट तक घट सकता है। वहीं एक्सरसाइज करने, हेल्दी डाइट, कम शराब पीने और स्मोकिंग न करने से हार्ट अटैक का खतरा 8फ् परसेंट तक घट जाता है। कैसे कर सकते हैं बचाव - - सुबह-शाम वॉकिंग और एक्सरसाइज कम से कम ब्0 मिनट तेज चलें - साइकिल चलाएं - फिजिकल एक्टिविटी - वजन पर कंट्रोल - ब्लड प्रेशर कंट्रोल - शूगर कंट्रोल - हरी सब्जी और सलाद का ज्यादा इस्तेमाल - अल्कोहल और तंबाकू से दूरी - रिफाइन ऑयल का इस्तेमाल छौंक वाली चीजों में न करें, उसकी जगह सरसों का तेल इस्तेमाल करें। - रेग्युलर डॉक्टर से चकअप कराएं।