हुई क्या बरसात, बिजली का काम हुआ तमाम
- बारिश शुरू होने के साथ कटी बिजली दोपहर बाद आई
- रिमझिम बारिश के साथ बिजली की भी चलती रही आंख मिचौली GORAKHPUR: बिजली विभाग ने करीब डेढ़ माह तक फॉल्ट ठीक किए जाने की बात कहकर लगातार कटौती की। पब्लिक झेलती रही लेकिन इस उम्मीद में सबकुछ बर्दाश्त करती रही कि गर्मी या बारिश में होने वाले फॉल्ट व कटौती से उसे मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन, फॉल्ट ठीक करने के नाम पर लगातार कटौती और लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी जब गुरुवार को बारिश हुई तो पब्लिक विभाग ने सप्लाई काटकर बिजली ही गिरा दी। रुक-रुक कर शाम तक बारिश होती रही और बिजली की आंख मिचौली भी चलती रही। इसके चलते शहरवासियों को काफी दिक्कतें हुई। सबसे अधिक परेशानी नार्मल और रुस्तमपुर एरिया में हुई, जहां पांच घंटे तक बिजली गुल रही। सीटीपीटी की सिट्टी-पिट्टी गुमबारिश के बाद बिजली तो पूरे शहर की गुल हुई, लेकिन नार्मल एरिया में सबसे अधिक दिक्कत हुई। बारिश शुरू होने के बाद सुबह सात बजे सीटीपीटी नार्मल सब स्टेशन पर लगा सीटीपीटी दग गया। एक साल पहले स्काडा योजना के तहत नार्मल सब स्टेशन पर सीटीपीटी लगा था। एक साल में ही इस सीटीपीटी के दग जाने से बिजली विभाग के स्काडा योजना के कार्यो पर सवालिया निशान लग गया है। इस सीटीपीटी के गुल होने से नार्मल सब स्टेशन से जुड़े एरिया में पांच घंटे बिजली गुल रही।
इन एरियाज में यह हाल - 5 घंटे बिजली गुल रही नार्मल सब स्टेशन से जुड़े एरिया में - 9 बजे से 11.30 बजे तक बंद रहा आजाद फीडर रुस्तमपुर सब स्टेशन से - 3 घंटे बिजली गुल रही कृष्णा नगर बशारतपुर में एलटी पोल गिरने के कारण - 3 बजे से शाम 7 बजे तक बिजली गुल रही दीवान बाजार व बेनीगंज एरिया में बिजली पोल गिर जाने के कारण - तीन घंटे बिजली प्रभावित रही मेडिकल कॉलेज एरिया में ---------- कॉलिंग कहीं बिजली गुल, कहीं जलजमाव, सब परेशान नगर निगम केवल कागजों में ही कार्य करता है। इसलिए तो जब भी बारिश होती है तो शहर में जल जमाव जैसे प्रॉब्लम खड़ी हो जाती है। बारिश में इस जल जमाव ने लोगों को परेशान कर दिया। आशुतोष पांडेय, सर्विसमैनबिजली विभाग और नगर निगम के कारनामों से पब्लिक परेशान हो गई है। पिछले दो माह से बिजली गुल हो रही है। यही हाल नगर निगम का है। पता नहीं कैसी सफाई होती है कि बारिश होते ही जल जमाव हो जाता है।
राहुल गुप्ता, स्टूडेंट नगर निगम अगर नालों की सफाई का कार्य किया होता तो शहर की हालत यह नहीं होती। स्थिति यह है कि दो घंटे की बारिश में पूरा शहर ही डूब गया। अनूप शर्मा, दुकानदार