GORAKHPUR : गोरखपुर और पूर्वांचल की शान में चार चांद लगाने वाले एमएमएमयूटी के सामने प्लेसमेंट के साथ कई और चैलेंज हैं. इसमें प्लेसमेंट के बाद दूसरा नंबर मेडिकल फैसिलिटी का आता है. कहने को तो एमएमएम यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के पास मेडिकल फैसिलिटी मौजूद है लेकिन इसका स्टूडेंट्स को कोई खास फायदा अब तक नहीं मिल सका. इसी मेडिकल फैसिलिटी में फंसे टेक्निकल पेंच की वजह से एमएमएम के स्टूडेंट्स को अपना साथी खो देना पड़ा जिसके बाद एमएमएम को अपने रूल को भी थोड़ा मॉडिफाई करना पड़ा था. अगर उन्होंने अब भी इस ओर ध्यान नहीं दिया तो भले ही वह पूर्वांचल में सबसे बड़ा संस्थान होगा लेकिन स्टूडेंट्स का अटै्रक्शन गेन नहीं कर सकेगा.


सुविधाओं से लैस एंबुलेंस फैसिलिटी का था वादा


स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम की लिस्ट में अगर कोई सबसे बड़ा मुद्दा शामिल था, तो वह था मेडिकल फैसिलिटी का। इसमें भी एंबुलेंस के मुद्दे पर एडमिनिस्ट्रेशन और स्टूडेंट्स के बीच खींचातानी होती ही रहती है। स्टूडेंट्स की मानें तो प्रिंसिपल प्रो। जेपी सैनी ने मेडिकल फैसिलिटी में थोड़ा कमी एक्सेप्ट करते हुए इसे सुधारे जाने की बात कही थी, साथ ही सभी बेसिक फैसिलिटी से लैस नई एंबुलेंस के लिए भी प्रपोजल का भी वादा स्टूडेंट्स से किया गया था, लेकिन एक मंथ से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन अब तक एंबुलेंस का कहीं पता नहीं है। इस मामले में प्रिंसिपल प्रो। जेपी सैनी का कहना है कि नई एंबुलेंस के लिए प्रोपोजल भेजा जा चुका है, अगले बजट में नई एंबुलेंस आ जाएगी। मेडिकल फैसिलिटी वीक होने के पीछे डॉक्टर्स की खाली पड़ी दो पोस्ट भी अहम रीजन है, जिसे भरना भी काफी जरूरी है। प्रॉसेस कुछ कंप्लीट तो कुछ का इंतजार

एमएमएम में एंबुलेंस फैसिलिटी अवेल करने के लिए अभी तक लंबी प्रॉसेस से गुजरना पड़ता है। इसके लिए स्टूडेंट्स को पहले वार्डेन को कॉल करनी होती है। इसके बाद वार्डेन एंबुलेंस ड्राइवर को निर्देश देता था उसके बाद एंबुलेंस प्रोवाइड होती थी, लेकिन सितंबर में हुई घटना के बाद इस रूल को थोड़ा प्रिंसिपल ने थोड़ा मॉडिफाई कर दिया, इसके तहत अब हर हॉस्टल में 3 स्टूडेंट्स की एक कमेटी बनाई जाएगी, जो एंबुलेंस ड्राइवर के डायरेक्ट टच में रहेगी। इस तरह से कॉलेज के 8 हॉस्टल के 24 मेंबर्स कभी भी एंबुलेंस सर्विस अवेल करने के लिए हरी झंडी दे सकते हैं, वहीं फैसिलिटी लेने के बाद इसकी इंफॉर्मेशन जिम्मेदार को दी जा सकती है। अगर एमएमएम को यूनिवर्सिटी के तौर पर अपनी अलग पहचान बनानी है तो उन्हें इस ओर ध्यान देना होगा।मेडिकल फैसिलिटी को बेटर बनाने के लिए सभी कोशिशें की जा रही हैं। सभी हॉस्टल में फस्र्ट एड की फैसिलिटी प्रोइवाड करा दी गई है। वहीं नई एंबुलेंस के लिए प्रोपोजल भी भेजा जा चुका है, नेक्स्ट बजट में नई एंबुलेंस भी आ जाएगी।प्रो। जेपी सैनी, एक्टिंग वीसी, एमएमएमयूटी

Posted By: Inextlive