रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की मार गोरखपुर की मार्केट पर भी पड़ी है. सूरजमुखी के तेल का आयात घटने से अन्य खाद्य तेल के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं. साथ ही साथ मुनाफाखोरी भी शुरू हो गई है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। युद्ध और कालाबाजारी के चलते तेल की कीमतों में 20 से 25 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो गई है। सनफ्लावर, सोया और पाम ऑइल के आयात का संकट दिखाकर 140 रुपए बिकने वाला रिफाइंड अब बाजार में 165 से 180 रुपए में लीटर में बेचा जा रहा है।सरसों तेल के भाव 11 रुपए प्रति लीटर बढ़े एक महीने पहले सरसों तेल का भाव 170 रुपए प्रति लीटर था। वह अब बढ़कर 181 रुपए प्रति लीटर हो गया है। वहीं पाम ऑइल जहां पहले 130 रुपए प्रति लीटर था। वह अब 150 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि धीरे-धीरे खाद्य तेल की कीमतों में भी तेजी आ रही है। मलेशिया, इंडोनेशिया और अर्जेंटीना से नहीं आ रहा कच्चा तेल


वर्तमान में सर्वाधिक कीमतें सोयाबीन और रिफाइंड व पाम ऑइल की बढ़ी हैं। वजह यह है कि बाहर के देशों से इन तेलों का आयात न होना है। सोयाबीन की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। महेवा मंडी के थोक तेल व्यापारी पवन सिंघानिया ने बताया, मलेशिया, इंडोनेशिया और अर्जेंटीना से समुद्र के रास्ते कच्चा माल आता है। यूक्रेन में संकट की वजह से माल नहीं आ पा रहा है, जिसकी वजह से तेल में तेजी आ रही है। त्योहार के दिनों में खाद्य तेल की डिमांड बढ़ जाती है। तेल के भाव बढऩे से इसका असर पब्लिक पर पड़ सकता है।पेट्रोल के बढ़े भाव तो सब्जी व किराना में आ सकती है तेजी पेट्रोल के दाम में धीरे-धीरे आ रही तेजी की वजह से खाद्य सामग्रियों और सब्जियों के दाम में तेजी आ सकती है। व्यापारियों का कहना है कि इसकी वजह से ट्रांसपोर्टेशन चार्ज बढ़ जाता है। इस कारण इसका अतिरिक्त बोझ सामानों पर पड़ता है।एक नजर में तेल के रेट (रुपए प्रति लीटर में)तेल एक माह पहले की भाव वर्तमान भाव सरसों 170 181सोयाबीन 148 165पॉम ऑइल 130 150

सन फ्लावर 148 180 कोट खाद्य तेल के भाव में तेजी की वजह से किचन का बजट बिगड़ता जा रहा है। सरसों तेल में पहले भी तेजी थी। अब फिर भाव बढऩे से जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। सावित्री सिंह, गृहिणी महंगाई ने तो कमर तोड़ कर रख दी है। अब खाद्य तेल के भाव भी बढऩे लगे हैं। इसके चलते लोगों को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। प्रमोद सिंह, शिक्षकतेल की कीमत लगातार बढ़ रही है। 20 दिनों में 10 से 15 रुपए भाव बढ़ गए हैं। युद्ध लंबा खिंचा तो पता नहीं क्या होगा। रंगबिहारी पांडेय, समाजसेवी बाजार में पॉम ऑइल, सोयाबीन रिफाइंड आदि खाद्य तेलों की कोई कमी नहीं हैं। सरकार कह रही है कि देश में पर्याप्त मात्रा में खाद्य तेल है। फिर भी कंपनियों ने सप्लाई घटा दी और दाम बढ़ा दिए हैं। नये माल का आयात न होने पर भी दाम बढऩे के पीछे जमाखोरी और मुनाफाखोरी ही है। पवन सिंघानिया, तेल कारोबारी

Posted By: Inextlive