Varanasi: यकीनन ये हमारे बनारस की लाइफ लाइन है. सोसायटी के हर तबके के लिए ये सहूलियत वाला भी है. लेकिन इस पर ट्रैवेल करना मुसीबतों को इनवाइट करना भी है. जी हां हम ऑटोरिक्शा की ही बात कर रहे हैं. पांच की जगह सात सवारी लादना अश्लील गाने बजाना चाहे जहां रोक कर जाम लगाना और मनमाना किराया वसूलना दीगर अब तो ये जहरखुरानी जैसे क्राइम का सबब भी बन रहे हैं. ऑटो पर सफर के दौरान हर रोज होने वाली पॉकेटमारी की वारदात पर तो किसी की निगाह ही नहीं पड़ती. इसके साथ और भी कई चीजें हैं जो दर्द दे रही हैं. अंदर चलिए बताते हैं आपको...

थोड़ा अलर्ट हो जाये नहीं तो

अगर आप अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए सिटी की लाइफ लाइन यानि ऑटो का यूज कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए ही है। इसलिए आप थोड़ा अलर्ट हो जाये नहीं तो आपके साथ वो हो सकता है जिसकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। हम आपको डराना नहीं चाह रहे हैं बल्कि उस खतरे से आगाह करना चाह रहे हैं जो इन दिनों ऑटो में जर्नी करने वालों पर मंडरा रहा है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से सिटी में चलने वाले ऑटो लोगों के लिए काफी डेंजरस साबित हो रहे हैं। अब मंगलवार को ही देख लीजिये जब रिजर्व ऑटो लेकर अपने गंतव्य तक जा रहे तीन अलग-अलग लोग तीन वारदातों का शिकार हुए। दो में तो ऑटो सवार लोगों को जहरखुरानों ने लूटा और एक में ऑटो में बैठी महिला का लाखों का जेवर लुटेरे ले उड़े।

हर ओर ऑटो वालों का कब्जा

अगर आप सड़क पर चल रहे हैं तो जायज है आपको रोड पर सबसे ज्यादा ऑटो ही दिखाई देगा। चौराहे से लेकर रोड साइड हर ओर बेढंग़े तरीके से खड़े इन ऑटोज से दिक्कतें भी बेशुमार होती हैं। बावजूद इसके इन ऑटो वालों पर नकेल कसने वाला कोई नहीं है। ऑटो से मिल रही इस परेशानी को तो पब्लिक किसी तरह झेल ही रही है लेकिन अब ऑटो में होने वाले क्राइम से पब्लिक कैसे बचेगी ये सवाल बड़ा है। आये दिन ऑटोज में हो रही लूट, पॉकेटमारी और स्नैचिंग की वारदातें पब्लिक को जर्नी करने के लिए किसी दूसरे ऑप्शन की तलाश करने पर मजबूर कर रही है। पिछले दिनों रोडवेज ने सिटी में कुछ बसें जरुर चलाई थी लेकिन वो भी ऑटो वालों के विरोध के चलते रोडवेज को हटानी पड़ी।

कौन कर रहा है ये सब?

आखिर ऑटो में आपराधिक वारदातों को कौन अंजाम दे रहा है? हालांकि इस बारे में पुलिस के आला अधिकारी भी साफ तौर पर कुछ नहीं कह रहे हैं लेकिन इन घटनाओं के पीछे अवैध ऑटो वालों का हाथ होने की आशंका जता रहे हैं। बता दें कि सिटी में कुल 15 हजार से ज्यादा ऑटोज चल रहे हैं। इनमें से लगभग 53 सौ ऑटो ही आरटीओ की ओर से रजिस्टर्ड हैं। इनके पास परमिट है। बाकी लगभग दस हजार ऑटो के पास परमिट नहीं है। इन ऑटो का मालिक कौन है? इनको कौन चला रहा है? इनका रुट क्या है? इस बारे में अधिकारी से लेकर ऑटो यूनियन वाले भी कुछ बता पाने की कंडीशन में नहीं हैं।

आये दिन हो रही है घटनाएं

ऑटो में पब्लिक के साथ घटनाएं होना कोई नई बात नहीं है। ऑटो में सवारी करने वालों को आये दिन किसी न किसी घटना से रू-ब-रू होना ही पड़ता है। ऑटो में जर्नी करने वालों को सबसे ज्यादा पॉकेटमारी और स्नैचिंग जैसी घटनाओं को झेलना पड़ रहा है। इस मामले में शहर के कुछ रुट कुख्यात हैं। यहां ऑटो में क्राइम की वारदातें ज्यादा होती है। इनमें कैंट से लंका, कैंट से राजघाट, कैंट से कचहरी, कैंट से रोहनिया समेत आउटर एरिया में चलने वाली ऑटोज शामिल है। इसके अलावा आउटर एरिया में जाने वाले ऑटोज तो कहीं से भी सेफ नहीं है। मंगलवार को जहरखुरानी की दो घटनाओं के अलावा पिछले दिनों ऑटो में ही एक युवती से छेड़छाड़ भी हुई थी।

अवैध कर रहे हैं ये सब

सिटी में रजिस्टर्ड ऑटोज से ज्यादा अनरजिस्टर्ड ऑटोज की संख्या है। परमिट वाले ऑटो ड्राइवर्स का तो पूरा रिकॉर्ड आरटीओ के पास है लेकिन अवैध ऑटोज का कोई रिकॉर्ड कहीं नहीं है। इस बारे में ऑटो यूनियन के उपाध्यक्ष भगवान सिंह का कहना है कि आरटीओ परमिट वाले ऑटो वालों को ही तंग करता है जबकि अवैध ऑटो बेखौफ होकर दौड़ रहे हैं। यही अवैध ऑटो वाले ही इन सब तरह की आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और इनको कोई ट्रेस नहीं कर नहीं कर पा रहा है।

 

कहां गया बिल्ला और वर्दी

पिछले दिनों प्रशासन ने दिल्ली गैंग रेप की घटना के बाद शहर में चल रही वैध ऑटोज की पहचान के लिए परमिट धारक ऑटो ड्राइवर्स को वर्दी और बिल्ला पहनने का आदेश दिया था। लेकिन ये आदेश महज कागजों में ही सिमट कर रह गया और वर्दी और बिल्ले के बटवारे को लेकर प्रशासन और यूनियन के बीच ऐसी ठनी की पूरा मामला बस्ते में ही बंद हो गया।

ऑटो में बैठें तो रखें ये ध्यान

- अपने बगल में बैठे व्यक्ति की एक्टिविटी पर नजर रखें।

- ऑटो ड्राइवर को किसी नये रास्ते पर जाने से रोकें।

- अगर ऑटो रिर्जव कर कहीं जा रहे हैं तो बीच रास्ते में ऑटो वाले को किसी को बैठाने न दें।

- पीछे की सीट पर बैठते वक्त अपने पर्स, मोबाइल पर विशेष निगरानी रखें।

- ऑटो में अगर आपको कोई प्रसाद के नाम पर कुछ खाने या पीने को दे तो उसे न लें।

- रात के वक्त लंबी दूरी के लिए ऑटो एवाइड करें।

- ऑटो में बैठने से पहले अगर हो सके तो उसका नंबर जरुर नोट कर लें।

- ऑटो में बैठने के बाद कोई भी शंका होने पर तत्काल किसी चौराहे पर पिकेड से हेल्प मांगें।

 

वारदात जो हैं खतरनाक

- 5 मार्च कैंट से ऑटो रिजर्व कर बड़ागांव जा रहे यात्री को जहरखुरानों ने लूटा।

- 5 मार्च मिर्जामुराद ऑटो रिजर्व कर जा रहे युवक को ऑटो में नशीला पदार्थ खिलाकर लूटने के बाद झाडिय़ों में फेंका।

- 5 मार्च लंका से ऑटो रिजर्व कर रामनगर जा रही आंध्र प्रदेश की महिला की चेन व मंगलसूत्र बदमाशों ने ऑटो रोककर लूटी।

- 22 फरवरी ऑटो से पाण्डेयपुर जा रहे युवक को खुजरी में लूटने के बाद रोड पर फेंका।

- 16 फरवरी कचहरी चौराहे पर रुक ऑटो से सामान उतार रहे यात्रियों को छोड़ ऑटो चालक बैग लेकर हुआ फरार।

 

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आरटीओ अवैध ऑटोज के खिलाफ अभियान चलाकर उनको शहर से हटाने में लगा है। अगर ऑटो में कोई क्राइम हो रहा है तो इसे पुलिस को वॉच करना चाहिए।

आरएस यादव, एआरटीओ

 

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ऑटोज में हो रही वारदात चिंता का विषय है। इसलिए पुलिस अवैध ऑटो चालकों पर निगरानी कर उनके खिलाफ स्पेशल अभियान चलायेगी।

संतोष सिंह, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive