-17 डिग्री सेल्सियस मैक्सिमम टेंप्रचर

-11 डिग्री सेल्सियस मिनिमम टेंप्रेचर

-14.98 किलोमीटर प्रतिघंटा की तेज रफ्तार

-72 परसेंट बारिश से आ‌र्द्रता दर्ज की गई।

-6.8 मिलीमीटर बारिश की गई रिकार्ड

-2.8 मिलीमीटर बरसात देर रात तक होने का अनुमान

-सुबह से ही मौसम का मिजाज रहा खराब

-दोपहर में तेज बारिश के साथ गिरे ओले

बरेली: शहर में मौसम का मिजाज अचानक बदल गया। ट्यूजडे रात को रिमझिम बारिश और वेडनसडे दोपहर को झमाझम बारिश के साथ गिरे ओलों से सर्दी फिर से लौट आई। इसके चलते लेागों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं वेदर एक्सपर्ट डॉ। संदीप सिंह का कहना है कि हवाओं का रुख बदलने से यह बारिश हुई है, पर यह स्थायी नहीं है। बारिश से आ‌र्द्रता 72 परसेंट दर्ज की गई। जबकि मैक्सिमम टेंप्रेचर 17 डिग्री सेल्सियस और मिनिमम 11 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

रुक-रुक हुई बारिश

टयूजडे देर रात से शुरू हुई बूंदाबांदी का सिलसिला वेडनसडे दोपहर तक जारी रहा। इस दौरान रुक-रुक कर बारिश होती रही। जिले के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि भी हुई। वेडनसडे को कुल 6.8 मिलीमीटर बारिश मौसम विभाग द्वारा रिकार्ड की गई थी। जबकि 2.8 मिलीमीटर बरसात देर रात तक होने का अनुमान लगाया जा रहा है। बेमौसम हुई इस बरसात से ठंड वापस लौट आई है। ठिठुरन भी बढ़ गई है।

जलभराव से बढ़ी मुसीबत

कुछ देर की ही तेज बारिश से शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया। यह जलभराव शहर की घनी बस्ती वाले मोहल्लों के अलावा मुख्य सड़कों पर भी दिखा। स्टेडियम रोड पर टयूलिप टॉवर के सामने जलभराव होने से टू व्हीलर्स और फोर व्हीलर्स चालकों को खासी परेशानी हुई। इसके अलावा डेलापीर तिराहा, झूलेलाल द्वार के पास, शील चौराहे के पास आदि जगहों पर भी जलभराव से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी।

स्टेडियम का मैदान बना तालाब

वेडनेसडे को कुछ देर की बारिश ने ही स्पो‌र्ट्स स्टेडियम के ड्रेनेज सिस्टम की भी पोल खोल दी। बारिश से स्टेडियम का मैदान तालाब में तब्दील हो गया। इससे यहां प्रैक्टिस को पहुंचे खिलाडि़यों को मायूस होकर लौटना पड़ा। खिलाडि़यों ने बताया कि हर बार बारिश में मैदान में पानी भर जाता है, पर इस समस्या का समाधान नहीं निकाला जाता है।

ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान

बारिश से जहां किसानों की फसलों की सिंचाई हो गई। वहीं क्षेत्र में कुछ जगहों पर ओले गिरने से फसलों को नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। ओले गिरने से सरसों, अरहर आदि समेत फूलदार फसलों को नुकसान हुआ है।

गेहूं को फायदा

झमाझम बारिश किसानों के लिए मिली-जुली सबित हुई है। गेहूं के काश्तकारों के लिए इस बारिश ने जहां खुशियों की बरसात कर दी। वहीं दूसरी ओर सरसों, मसूर और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के लिए यह बरसात, ओलावृष्टि मायूसी लेकर आई। कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक जनवरी के माह में बरसात के साथ हुई ओलावृष्टि से अरहर के सभी फूल गिरने के साथ कम फूल आने की संभावना है। इसके अलावा सरसों, चना, मटर, मसूर को काफी नुकसान हुआ है।

सब्जियां होंगी और महंगी

सब्जियों के दामों जहां पहले से ही आग लगी हुई है। वहीं बारिश ने आग में घी डालने का काम किया है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक बारिश से अब अगले पांच दिनों तक आलू की खुदाई नहीं हो सकेगी। जबकि इन दिनों बाजार में नये आलू की डिमांड अधिक है। जिसकी लगातार खुदाई की जा रही है। लेकिन बरसात से अगले पांच दिनों तक खुदाई हो पाना मुश्किल है। इससे आलू के दामों में बढ़ोत्तरी होना संभव है। इसके साथ ही टमाटर, मटर, गोभी में दाग लग जाएगा। इससे इसकी क्वालिटी खराब हो जाएगी। इससे अगले दो दिनों बाद टमाटर, मटर, गोभी के दामों में भी बढ़ोत्तरी होगी।

एक हफ्ते तक इतना रहेगा टेंप्रेचर

डे मिनिमम मैक्सिमम

थर्सडे 7 15

फ्राइडे 6 17

सैटरडे 6 16

संडे 7 17

मंडे 12 20

ट्यूजडे 12 20

वेडनसडे 13 20

Posted By: Inextlive