जरी जरदोजी से फिर मिलेगी बरेली को पहचान, बनेंगे दो सेंटर
- केसीएमटी के पास और फरीदपुर में बनेंगे सेंटर्स
- जरी जरदोजी कारोबारियों को 90 परसेंट ग्रांट देगी सरकार केसीएमटी के पास के सेंटर कॉमन प्रोडक्शन सेंटर कॉमन फैसिलिटी सेंटर डिजाइनिंग डेवलपमेंट एंड ट्रेनिंग सेंटर फरीदपुर के सेंटर रॉ मैटेरियल मैन्युफैक्चरिंग रॉ मेटैरियल मैन्युफैक्चरिंग बैंक (स्टोर) बरेली : जरी जरदोजी के काम के दिन बहुत जल्द बहुरने वाले हैं। वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) से इस कारोबार को एक बार फिर से पहचान मिलने वाली है। सरकार अब जरी जरदोजी का कारोबार करने वालों को 90 परसेंट ग्रांट दे रही है। दो लोग आगे आए हैं। वह उद्योग लगा रहे हैं। इन्होंने केसीएमटी के पास और फरीदपुर में कुल 12 बीघा में दो सेंटर स्थापित करने के लिए जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र में आवेदन किया है। ऐसे किया अप्लाईदोनों कारोबारियों ने एक-एक समूह बनाया है। मंडे को इस संबंध में हुई मीटिंग में कलस्टर (संस्था) बनाने के लिए पूरे 20 मेंबर्स होने का दावा भी किया। साथ ही लागत की 10 परसेंट राशि लगानी पर सहमति दी।
सरकार के अधीन होगा सेंटर कलस्टर की ओर से बनाया गया सेंटर सरकार के अधीन होगा। सरकार कारोबारियों के रेट तय करेगी, जबकि लाभ और लागत कारोबारियों को ही मिलेगा। 10 जिलों को मिलेगा लाभजरी बनाने के लिए कसब सूरत, जयपुर, चेन्नई, दिल्ली आदि शहरों से कम से कम 300 रुपये किलो के हिसाब से खरीद कर लाया जाता है। कारोबारियों को महंगा पड़ता है। रॉ मैटेरियल मैन्युफैक्चरिंग केंद्र स्थापित होने पर पहले ही फेज में कसब का प्रोडक्शन हर साल साढ़े सात हजार किलो हो जाएगा। यहां से लखनऊ, शाहजहांपुर, कासगंज। बदायूं, उन्नाव सहित 10 जिलों में जरी का काम करने वाले कारोबारी कम दाम में कसब खरीद सकते हैं।
यूरोपियन कंट्रीज में है डिमांड यूरोपियन कंट्रीज में जरी की साडि़यां, लहंगा आदि की डिमांड है। बताते हैं कि कभी एक महीने में 20 ट्रक माल एक्सपोर्ट होता था, लेकिन अब ऑर्डर पर ही काम किया जाता है। अब मिल सकेगा रोजगार वर्ष 2013-14 तक जरी कारोबारी विदेश को माल एक्सपोर्ट करते थे। इसके लिए ड्रॉ बैक (सब्सिडी) 13-14 परसेंट तक मिलती थी। लेकिन 2014 के बाद सरकार ने इसे बंद कर दिया। 2016 में फिर से सब्सिडी देना शुरू किया। इस बार 6 परसेंट ही ड्रॉ बैक शुरू किया। कारोबार में मंदी आनी शुरू हुई। इससे 25 परसेंट से ज्यादा कारखाने बंद हो गए। बरेली में 20 करोड़ से भी कम का कारोबार बचा है। अब रोजगार मिल सकेगा।जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र के सभागार में मीटिंग हुई। जिसमें करीब 50-60 जरी कारोबारी शामिल हुए। कुछ और भी लोग आगे आ रहे हैं। दो लोगों के आवेदन पर डीपीआर बनाने को लेकर चर्चा की गई। अब आगे की कार्यवाही शुरू होगी।
-ऋषि रंजन गोयल, उप संयुक्त आयुक्त जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र सेंटर पर कसब तैयार करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है। ग्रांट मिली तो यहां कारोबारियों को कम कीमत में ही सामान मिल जाएगा। इससे जरी जरदोजी को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए फरीदपुर में 9 बीघा जमीन देखी गई है। -अभिनव गुप्ता खंडेलवाल कॉलेज के पास तीन बीघा जमीन में सेंटर बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। ग्रांट मिली तो यहां जरी जरदोजी के 100 अड्डे बनाए जाएंगे। साथ ही डिजाइन आदि का भी यहां वर्क हो सकेगा। - अचला अग्रवाल जीएसटी लागू होने का काफी असर पड़ा है। इसी के बाद से कारोबार खराब हो गया। आठ महीने का काम अब दिवाली के पहले दो महीने तक ही चलता है। -मुदस्सिर, जरी कारोबारी जीएसटी से ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। इसकी वजह से अब जरी की डिमांड खत्म सी हो गई है। विदेश के लोग जरी की खरीदारी अब नहीं कर रहे हैं।-ताजिम, जरी करोबारी
सेंटर बनाने के साथ एयरपोर्ट की भी सुविधा देनी होगी। जहां विदेश से आने वाली कुछ फ्लाइट्स भी उतारी जाएं, ताकि विदेशी भी आ सकें।
- आजिम, जरी कारोबारी