उत्कर्ष ने पाई 21 वीं रैंक

Utkarsh

Rank- 21 (Gen)

मम्फोर्डगंज में रहने वाले उत्कर्ष कुमार ने सीपीएमटी एग्जाम में जनरल में 21 वीं रैंक पाई है। उत्कर्ष की ख्वाहिश न्यूरो सर्जन बनने की है। 2008 में जवाहर नवोदय स्कूल से इंटर पास करने के बाद उत्कर्ष डाक्टर बनने के अपने लक्ष्य में जुट गए थे। उत्कर्ष ने बताया कि लास्ट ईयर भी उन्हें सफलता मिली थी, लेकिन रैंक अच्छी न होने के चलते उन्होंने ड्रॉप कर दिया है। उत्कर्ष के पिता डॉ। सतीश कुमार मिर्जापुर में वेटनेरियन की पोस्ट पर तैनात है। जबकि मां विजय लक्ष्मी टीचर है। उत्कर्ष ने बताया कि अच्छी रैंक पाने के लिए पर डे 6-7 घंटे की रेगुलर स्टडी करते थे।

हार नहीं मानी

Akshat Pandey

Rank-25th

मुश्किलें सामने आईं लेकिन अक्षत ने हार नहीं मानी। उसे खुद पर भरोसा था। एआईपीएमटी में रिजल्ट अपेक्षा के अनुसार नहीं था। ऐसे में उसने सीपीएमटी को अपना एम बना लिया और आखिरकार अपना सपना सच कर दिखाया। सीपीएमटी में वह सिटी का टॉप रैंकर है। उसने 25वीं रैंक हासिल की है। एआईपीएमटी में उसकी 4700वीं रैंक थी। अक्षत के पिता डॉ। मुकुल पांडे और मां भी डॉक्टर हैं। अक्षत की मानें तो नाइंथ में ही उसने मेडिकल फील्ड में जाने की ठान ली थी। इसके लिए इंसपिरेशन उसे अपने फादर से मिली। अक्षत बताता है कि उसने किसी फिक्स शेड्यूल के अकार्डिंग पढ़ाई नहीं की। हालांकि वह रूटीन स्टडी करता था। लास्ट एग्जाम्स के क्वेश्चन पेपर और टेस्ट पेपर को भी उसने सॉल्व किया। अक्षत ने एम्स का भी एग्जाम दिया है। इससे पहले दिल्ली के वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के एंट्रेंस एग्जाम में उसने 35वीं रैंक हासिल की थी।

दोहरा दी हमजा ने कामयाबी

Mohd। Hamza

Rank- 10 (catg.)

Gen- 43

इलेक्ट्रिक मैकेनिक के बेटे ने आखिरकार पिता का सपना पूरा कर दिखाया। मो। हमजा अंसारी सीपीएमटी में ओबीसी कैटेगरी में दसवीं और जनरल में 43वीं रैंक हासिल करने के साथ ही एक बार फिर सिटी टॉप रहे। हमजा ने बताया कि उसके परिवार की दिली इच्छा थी कि मैं मेडिकल की फील्ड में जाऊं। हालांकि मैं अपने मामा से प्रेरित होकर मेडिकल ज्वाइन करना चाहता था। इससे पहले भी हमजा ने एआईपीएमटी में 173 कैटेगरी रैंक के साथ सिटी टॉप कर मेडिकल में क्वालीफाई कर चुके हैं। जौनपुर से 2009 में यूपी बोर्ड से इंटरमीडिएट कंप्लीट कर इलाहाबाद आकर हमजा ने मेडिकल की तैयारी शुरू कर दी थी। उसने बताया कि रूटीन स्टडी से ही उसे सक्सेस मिली है।

कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं आशीष

Ashish

Rank-52nd (OBC)

सीपीएमटी में ओबीसी में 52वीं और जनरल 70वीं रैंक हासिल करने वाले आशीष को बीएचयू पीएमटी से काफी उम्मीदें हैं। उसकी बीएचयू पीएमटी के प्री एग्जाम में ऑल इंडिया कैटेगरी तीसरी रैंक आई थी। इसके अलावा उसने एआईपीएमटी में सक्सेस हासिल करने के साथ साथ सीपीएमटी में भी सक्सेस जर्नी को बरकरार रखा। प्रतापगढ़ में लाइनमैन घनश्याम कुमार का बेटा आशीष आनंद ने अपने पिता का सपना सच कर दिखाया। आशीष की मानें तो उसके पिता का सपना था कि वह डॉक्टर बने। आशीष कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहता है। आशीष की मानें तो वह पॉलिटिक्स में जाकर ब्यूरोक्रेसी में नहीं उलझना चाहता। उसका एम केवल डॉक्टर बनना है।

रटना नहीं समझना है सक्सेस का सीक्रेट

Saurabh Tiwari

Rank- 68 (gen.)

सौरभ की फैमिली में दूर-दूर तक कोई मेडिकल की फील्ड से जुड़ा नहीं था, इसके बावजूद कब उसे इस फील्ड से लगाव हो गया, पता ही नहीं चला। यूपी बोर्ड से 2009 में ट्वेल्थ पासआउट होने के बाद वह मेडिकल की तैयारी में जुट गया। सौरभ तिवारी ने सीपीएमटी में 68वीं रैंक हासिल की है। इससे पहले सौरभ ने एआईपीएमटी में भी 2242 रैंक हासिल की थी। सौरभ की मानें तो वह किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज से न्यूरोलॉजिस्ट बनना चाहता है। सौरभ के पिता पेशे से अध्यापक हैं। सौरभ का सपना सिविल सर्विसेज बनकर फेम पाना है। उसका कहना है कि कब मेडिकल की ओर उसका रूझान हो गया, पता ही नहीं चला लेकिन इसे एक चैलेंज के तौर पर लिया। इसके लिए उसने रटने के बजाय रिटेन स्टडी और समझने पर जोर दिया।

डॉक्टर फैमिली की लाडली ने पाई सक्सेस

Vashnavi Baranawal

Rank-74 (girls)

Gen-224

वैष्ष्णवी बरनवाल ने फैमिली में डॉक्टर बनने की परंपरा को बरकरार रखा। वैष्णवी के पिता डॉ। संजय बरनवाल, बाबा रिटायर्ड सीएमओ डॉ। जीडी वर्मा और चाचा भी प्रतापगढ़ में डॉक्टर हैं। इस परंपरा को बरकरार रखते हुए वैष्णवी ने सीपीएमटी में गल्र्स में 74वीं रैंक हासिल कर गल्र्स में टॉप किया है। इससे पहले भी एआईपीएमटी में गल्र्स में भी टॉप किया था। उसने एआईपीएमटी में 1475 रैंक हासिल की थी। जेटी गोल्डेन जुबली से 2010 में ट्वेल्थ में 92 परसेंट के साथ पासआउट होने के बाद मेडिकल की तैयारी में जुट गई थी। वहीं वैष्णवी का कहना है कि वह एम्स के रिजल्ट का वेट कर रही है अगर बेहतर होगा तो उसी में एडमिशन लेगी। वैष्णवी सोसाइटी के लिए कुछ बेहतर करने के लिए इनवॉरयमेंट पर रिसर्च करना चाहती है।

फस्र्ट अटैंप्ट में जूही ने मारी बाजी

Juhi

Rank-137th (Girls)

मेडिकल में जाना जूही का बचपन से ही एम था। उसने सीपीएमटी में गल्र्स में 137वीं और जनरल 402वीं रैंक हासिल की। यह उसका फस्र्ट अटैम्प्ट था जिसमें उसने सक्सेस हासिल की। वह किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना चाहती है। वह कॉर्डियोलॉजिस्ट बनना चाहती है। उसके पिता ग्रामीण बैंक में मैनेजर हैं। बिशप जॉनसन स्कूल एंड कॉलेज से 94 परसेंट माक्र्स के साथ ट्वेल्थ पासआउट करने के पहले से ही मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी थी। सक्सेस हासिल करने के लिए जूही डेली छह से आठ घंटे स्टडी करती थी।