अगर आप एटीएम कार्ड होल्डर हैं तो जल्द ही आपको बैंक के अंदर ही कैश विड्रॉ कर सकेंगे। चेक या कैश डिपॉजिट करने के लिए घंटों लाइन में भी नहीं लगना पड़ेगा। बैंक प्रिमाइसेज के अंदर चेक और कैश डिपॉजिट मशीनें लगाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। पासबुक में फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की एंट्री भी कस्टमर्स खुद ही कर सकेंगे.
स्पेशल एटीएम यूनिट्स
सिटी में 46 बैंक्स की 400 से ज्यादा ब्रांचेज हैं। इनमें से 52 बैंक्स की ब्रांचेज में बाहर एटीएम मशीनें लगी हैं। बाकी ब्रांचेज में फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए या तो कस्टमर्स को कैश काउंटर पर लाइन लगानी पड़ती है। या फिर उन्हें किसी गली-मोहल्ले में लगे एटीएम पर जाकर कैश विड्रा करना पड़ता है। मगर, अब कस्टमर्स को कैश विड्रॉल की सुविधा बैंक परिसर में ही मिलेगी। इसके लिए स्पेशल एटीएम यूनिट्स लगवाई जा रही हैं। खास बात यह कि इन स्पेशल एटीएम को विशेष रूप से बैंक के अंदर लगाने के निर्देश जारी हुए हैं। पीएनबी और एसबीआई की ब्रांचेंज में इंस्टॉलेशन वर्क स्टार्ट भी हो चुका है। बैंकिंग ऑफिसर्स के अनुसार शहर में अब तक तीन एटीएम बैंक के अंदर इंस्टॉल किये जा चुके हैं.
पासबुक प्रिंटिंग और चेक जमा भी
बैंक पासबुक में फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन का डिटेल प्रिंट करवाने के लिए कस्टमर को अपनी बैंक की ब्रांच जाकर एंट्री करवानी पड़ती है। अगर काउंटर पर लंबी लाइन लगी है तब तो लाइन में लगकर इंतजार के अलावा दूसरा ऑप्शन नहीं रहता। इसीलिए अब पासबुक प्रिंटिंग मशीन लगाई जा रही हैं। मशीन पर पासबुक रखिए और जरूरी फॉर्मेल्टी पूरी करने के बाद ट्रांजेक्शन का सारा डाटा आपकी पासबुक पर प्रिंट हो जाएगा। इसी चेक करने के लिए ड्रॉप बॉक्स की जगह चेक डिपॉजिट मशीनें लगाई जा रही हैं। इसी तरह कैश डिपॉजिट मशीनें भी लगवाई जा रही हैं। पैसा जमा करने के लिए काउंटर पर लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। यूपी बैंक इम्प्लॉईज एसोसिएशन के कमलेश चतुर्वेदी ने बताया कि इन मशीनों का उद्देश्य कस्टमर्स की टाइम सेविंग है.
बैंक के अंदर ही क्यों?
जब बैंक प्रिमाइसेज के अंदर पूरा स्टाफ कस्टमर सर्विस के लिए अवेलेबल है तो फिर इतनी सारी कवायद क्यों? इस सवाल के जवाब में यूपी बैंक इम्प्लॉईज एसोशिएशन के जनरल सेक्रेटरी अनिल सोनकर बताते हैं कि बैंक में एकाउंट होल्डर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हर काउंटर पर लोड भी उसी हिसाब से बढ़ रहा है। इन नई सर्विसेज को बैंक का मशीनरी स्टाफ समझा जा सकता है। पासबुक प्रिंटिंग, चेक डिपॉजिट, कैश विड्रॉल में बैंकिंग कर्मचारी जितना वक्त लगाते हैं, मशीनरी स्टाफ से यह बचेगा और वो वक्त बैंक के अन्य महत्वपूर्ण कार्योंं में इस्तेमाल होगा। एक अहम बात यह भी है कि जिस तरह काउंटर से संतुष्ट होने के बाद कस्टमर बैंक के बाहर कदम रखता है। ठीक उसी तरह मशीनरी वर्क से संतुष्ट होने के बाद कस्टमर्स बैंक ब्रांच से एग्जिट करेंगे। इस दौरान कोई भी दिक्कत होगी तो बैंक स्टाफ उनकी तुरंत मदद के लिए हाजिर रहेगा। जबकि बैंक से इतर किसी अन्य जगह एटीएम में कैश विड्रॉल या अन्य ट्रांजेक्शन में समस्या होने पर कस्टमर को तुरंत मदद नहीं मिल पाती। कम्प्लेंट दर्ज कराने के बाद ही उसकी समस्या का समाधान होता है.
अगर आप एटीएम कार्ड होल्डर हैं तो जल्द ही आपको बैंक के अंदर ही कैश विड्रॉ कर सकेंगे। चेक या कैश डिपॉजिट करने के लिए घंटों लाइन में भी नहीं लगना पड़ेगा। बैंक प्रिमाइसेज के अंदर चेक और कैश डिपॉजिट मशीनें लगाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। पासबुक में फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की एंट्री भी कस्टमर्स खुद ही कर सकेंगे.
सिटी में 46 बैंक्स की 400 से ज्यादा ब्रांचेज हैं। इनमें से 52 बैंक्स की ब्रांचेज में बाहर एटीएम मशीनें लगी हैं। बाकी ब्रांचेज में फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए या तो कस्टमर्स को कैश काउंटर पर लाइन लगानी पड़ती है। या फिर उन्हें किसी गली-मोहल्ले में लगे एटीएम पर जाकर कैश विड्रा करना पड़ता है। मगर, अब कस्टमर्स को कैश विड्रॉल की सुविधा बैंक परिसर में ही मिलेगी। इसके लिए स्पेशल एटीएम यूनिट्स लगवाई जा रही हैं। खास बात यह कि इन स्पेशल एटीएम को विशेष रूप से बैंक के अंदर लगाने के निर्देश जारी हुए हैं। पीएनबी और एसबीआई की ब्रांचेंज में इंस्टॉलेशन वर्क स्टार्ट भी हो चुका है। बैंकिंग ऑफिसर्स के अनुसार शहर में अब तक तीन एटीएम बैंक के अंदर इंस्टॉल किये जा चुके हैं.
बैंक पासबुक में फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन का डिटेल प्रिंट करवाने के लिए कस्टमर को अपनी बैंक की ब्रांच जाकर एंट्री करवानी पड़ती है। अगर काउंटर पर लंबी लाइन लगी है तब तो लाइन में लगकर इंतजार के अलावा दूसरा ऑप्शन नहीं रहता। इसीलिए अब पासबुक प्रिंटिंग मशीन लगाई जा रही हैं। मशीन पर पासबुक रखिए और जरूरी फॉर्मेल्टी पूरी करने के बाद ट्रांजेक्शन का सारा डाटा आपकी पासबुक पर प्रिंट हो जाएगा। इसी चेक करने के लिए ड्रॉप बॉक्स की जगह चेक डिपॉजिट मशीनें लगाई जा रही हैं। इसी तरह कैश डिपॉजिट मशीनें भी लगवाई जा रही हैं। पैसा जमा करने के लिए काउंटर पर लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। यूपी बैंक इम्प्लॉईज एसोसिएशन के कमलेश चतुर्वेदी ने बताया कि इन मशीनों का उद्देश्य कस्टमर्स की टाइम सेविंग है.
जब बैंक प्रिमाइसेज के अंदर पूरा स्टाफ कस्टमर सर्विस के लिए अवेलेबल है तो फिर इतनी सारी कवायद क्यों? इस सवाल के जवाब में यूपी बैंक इम्प्लॉईज एसोशिएशन के जनरल सेक्रेटरी अनिल सोनकर बताते हैं कि बैंक में एकाउंट होल्डर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हर काउंटर पर लोड भी उसी हिसाब से बढ़ रहा है। इन नई सर्विसेज को बैंक का मशीनरी स्टाफ समझा जा सकता है। पासबुक प्रिंटिंग, चेक डिपॉजिट, कैश विड्रॉल में बैंकिंग कर्मचारी जितना वक्त लगाते हैं, मशीनरी स्टाफ से यह बचेगा और वो वक्त बैंक के अन्य महत्वपूर्ण कार्योंं में इस्तेमाल होगा। एक अहम बात यह भी है कि जिस तरह काउंटर से संतुष्ट होने के बाद कस्टमर बैंक के बाहर कदम रखता है। ठीक उसी तरह मशीनरी वर्क से संतुष्ट होने के बाद कस्टमर्स बैंक ब्रांच से एग्जिट करेंगे। इस दौरान कोई भी दिक्कत होगी तो बैंक स्टाफ उनकी तुरंत मदद के लिए हाजिर रहेगा। जबकि बैंक से इतर किसी अन्य जगह एटीएम में कैश विड्रॉल या अन्य ट्रांजेक्शन में समस्या होने पर कस्टमर को तुरंत मदद नहीं मिल पाती। कम्प्लेंट दर्ज कराने के बाद ही उसकी समस्या का समाधान होता है।
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