- नैक सिस्टम में किया बदलाव, बिना निरीक्षण नहीं मिलेगा फंड
- नैक ग्रेडिंग सिस्टम में बदलाव से सुधार की उम्मीद
मेरठ। नैक (नेशनल असेस्मेंट एंड एक्रीडिएशन काउंसिल) अब 4 के बजाय 7 ग्रेडिंग प्वाइंट में मूल्यांकन करेगा। वहीं यूनिवर्सिटी और कालेजों को अधिकतम ग्रेडिंग ए प्लस-प्लस मिलेगा। सिस्टम में बदलाव होने से उच्च शिक्षण संस्थानों को अब पहले से अधिक मेहनत करनी होगी। छात्र-छात्राओं को अधिक से अधिक सुविधाएं देनी होंगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नैक ग्रेडिंग सिस्टम में व्यापक बदलाव किया है।
बढ़ गई मुश्किलें
नैक का टॉप ग्रेड ए प्लस के बजाय ए प्लस-प्लस होगा। इसके तहत उच्च शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन 4 के बजाय अब 7 ग्रेडिंग प्वाइंट पर किया जाएगा। सिस्टम को इसी सत्र से इसे लागू कर दिया गया है। इससे नैक ग्रेडिंग के लिए तैयारी करने वाले यूनिवर्सिटी और कालेजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। संस्थाओं को अब अधिक से अधिक सीजीपीए अंक प्राप्त करने के लिए पहले से अधिक जोर लगाना होगा। कैंपस में सुविधा व संसाधनों पर ध्यान देना पड़ेगा। बताया गया कि निरीक्षण के दौरान जिस यूनिवर्सिटी या कॉलेज की ग्रेडिंग सी से कम होगी उसे नैक ग्रेडिंग जारी नहीं करेगी।
नया ग्रेडिंग टेबल चार्ट
सीजीपीए ग्रेडिंग
3.76 से 4.- ए प्लस-प्लस
3.51 से 3.75 ए प्लस
3.01 से 3.50 ए
2.76 से 3.- बी प्लस प्लस
2.51 से 2.75 बी प्लस
2.01 से 2.50 बी
1.51 से 2.- सी
1.50 के बराबर या नीचे कोई ग्रेडिंग नहीं मिलेगी
क्यों जरूरी है नैक ग्रेडिंग
नैक से मिले ग्रेड के आधार पर ही संस्था की गुणवत्ता का पता चलता है। क्वालिटी एजुकेशन, सुविधा संसाधन और फैकल्टी की जानकारी होती है। छात्रों को प्रवेश लेने में मदद मिलती है। रैंकिंग तय होने के बाद संस्था द्वारा जारी रिजल्ट में ग्रेडिंग अंकित होता है। देशभर में एक नई पहचान मिलती है। सुविधाओं के विस्तार के लिए यूजीसी अलग से अनुदान की स्वीकृति देती है।
टॉप ग्रेडिंग के लिए अहम बिन्दु
- यूनिवर्सिटी, कॉलेज का सिलेबस हर 3 साल में रिव्यू होना चाहिए।
- संस्था में बेहतर शैक्षणिक माहौल यानी हर साल अच्छा रिजल्ट।
- विभागों में पर्याप्त शिक्षक और कर्मचारियों की नियुक्ति।
- स्वयं की बिल्डिंग और रिसर्च आदि में बेहतर प्रदर्शन।
- एनसीसी, एनएसएस की विशेष गतिविधियां।
- खेल के मैदान, कैंटीन और हॉस्टल की स्थिति बेहतर हो।
नैक नहीं तो नहीं होगा कोर्स
यूजीसी विभिन्न मदों में देशभर के कॉलेजों को फंडिंग करता है। इनमें रिसर्च, डेवलपमेंट, प्रोग्राम्स व अन्य योजनाओं के तहत कॉलेज वित्तीय सहायता प्राप्त करते हैं। लेकिन अब आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार उन्हीं को फंडिग की जाएगी जो नैक ग्रेडिंग प्राप्त हैं।
वर्जन
यूजीसी ने नैक को 4 के बजाय अब 7 पाइंट पर ग्रेडिंग प्रदान करने को कहा है। यह इसी सत्र से लागू कर दिया गया है। संस्था के साथ छात्रों को भी ए प्लस प्लस मिलने पर काफी फायदा होगा।
प्रो। एनके तनेजा वीसी, सीसीएसयू