हेल्थ इंश्योरेंस के तहत भी आपके हॉस्पिटलाइजेशन का खर्च आपको खुद वहन करना होता है. जॉब में रहते हुए कंपनी द्वारा दिए गए इंश्योरेंस कवर के बावजूद आपको पर्सनली अलग से लाइफ इंश्योरेंस और मेडिक्लेम लेना चाहिए.


आमतौर पर लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी इसलिए ली जाती है, ताकि हमारे ना रहने पर फैमिली को क्लेम में मिली रकम से सहारा मिल सके. बावजूद इसके इन पॉलिसीज के प्रति लोगों में बहुत से मिथ्स होते है, जिनकी वजह से बहुत से लोग इससे किनारा कर लेते हैं. आज हम आपको इन मिथ्स और उनकी सच्चाई से रूबरू करा रहे हैं. 1: Waste of money इस तरह का मिथ अधिकतर टर्म प्लान के लिए होता है, लेकिन टर्म प्लान ही है जो कम प्रीमियम पर आपकी सिक्योरिटी की पूरी गारंटी लेता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि आपके ना रहने पर यह आपकी फैमिली की हर जरूरत पूरी करता है.  2. For saving taxes


यह लाइफ इंश्योरेंस पाॉलिसीज का एक हिस्सा मात्र है. लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज टैक्स सेविंग्स में भी मददगार है, लेकिन इसका असल मकसद आपके ना रहने पर आपकी फैमिली की फाइनेंशियल दिक्कतों को दूर करना है जो शायद सबसे जरूरी है.  5: Ulips for a limited period seem attractive

अगर कोई यूलिप को चुनता है, तो उसे कम से कम 10 साल का टारगेट रखना चाहिए. एजेंट्स ने यूलिप को बहुत बदनाम किया है और गलत जानकारी व शर्ते छुपाकर पॉलिसी बेची हैं. इसकी वजह से बहुत से लोगों का मूलधन भी मारा गया. यूलिप में हाथ डालने से पहले पॉलिसी की पूरी जानकारी ले लें.6. It’s best to buy a policy in the name of a minor  मार्केट में मिलने वाले लाइफ इंश्योरेंस प्लान बच्चों के लिए अधिक फायदेमंद होते है. माइनर की पॉलिसी प्रीमियम तो कम होता ही है, साथ ही मेच्योरिटी में मनी बैक ऑप्शन के तहत ली गई पॉलिसी बच्चों का फ्यूचर सिक्योर करने में भी मदद करती है.7. Pleasing relatives is important आपको पॉलिसी सिर्फ अपनी सहूलियत के अनुसार ही लेनी चाहिए, मार्केट में कई पोर्टल हैं, जो एजेंट के मुकाबले आपको पचास परसेंट से भी कम रेट पर पॉलिसी मुहया करा सकते है.

Posted By: Divyanshu Bhard