केंद्र सरकार ने इस बार 5 सितंबर को गुरू उत्‍सव के रूप में मनाने की ठानी है. सरकार के इस कदम का चहुंओर विरोध हो रहा है और विरोधियों में एनडीए के घटक दल भी शामिल हैं.


गुरू उत्सव मनाने को तैयार केंद्र सरकार


केंद्र सरकार ने हर साल पांच सितंबर को मनाए जाने वाली टीचर्स डे को गुरू उत्सव के रूप में मनाना तय किया है. मानव संसाधन मंत्रालय ने इस दिन को गुरू उत्सव की तरह मनाने के लिए कमर कस ली है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिन दिल्ली में एक हजार बच्चों से संवाद करना तय किया है. इस संवाद को एडूसेट के जरिए देशभर के 14 लाख स्कूलों तक पहुंचाया जाएगा. पीएम की स्पीच के बाद बच्चे उनके सामने अपने सवाल भी रख सकते हैं और वे बच्चों के सवालों के जवाब देंगे. इस मामले में डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन ने सभी स्कूलों को नोटिफिकेशन जारी कर पीएम की स्पीच ब्रॉडकास्ट करने को कहा है. इसके साथ ही कड़े शब्दों में कहा गया कि ब्रॉडकास्ट में लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा. हालांकि कुछ निजी स्कूलों को इस मुहिम से ऐतराज है. सहयोगियों ने भी शुरू किया विरोध

केंद्र सरकार के इस डिसीजन का विरोध होना शुरू हो गया है. इन विरोधियों में एनडीए के घटक दल भी शामिल हैं. मसलन पीएमके और एमडीएमके ने नाम परिवर्तन का विरोध करते हुए कहा कि इससे संस्कृत को थोपने का प्रयास किया जा रहा है. इन दलों ने केंद्र से मांग की है कि इन निर्देशों को तत्काल रूप से वापस लिया जाए. हालांकि इन दोनों दलों के नेताओं ने पीएम द्वारा 5 अगस्त को बच्चों से बात करने के फैसले का स्वागत किया. गौरतलब है कि इंडिया में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के मौके पर यह दिन मनाया जाता है.

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Posted By: Prabha Punj Mishra