रियल इस्‍टेट क्षेत्र में नियमन आज की जरूरत है क्‍योंकि कुछ घटनाओं से इस क्षेत्र की छवि पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ा है. हालांकि विधायक में जरूरत से अधिक नियमन नहीं थोपा जाएगा. आवास एवं गरीबी उन्‍मूलन मंत्री वेंकैया नायडू ने यह बात कही. उन्‍होंने इस बात को लेकर भी आश्‍वस्‍त किया है कि यह विधेयक रियल इस्‍टेट क्षेत्र के सौदों में आवश्‍यक पारदर्शिता व उचित संचालन उपलब्‍ध कराएगा. उन्‍होंने बताया कि यह किसी भी तरह की रुकावट खड़ी नहीं करेगा बल्कि सिर्फ नियमन के लिए होगा. नायडू यहां एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली व रियल इस्टेट नियमन व विकास विधेयक 2013 पर एक परामर्श बैठक में बोल रहे थे.

क्या है विधेयक का उद्देश्य
इस विधेयक का उद्देश्य आवास क्षेत्र में वृद्धि को प्रोत्साहित करना है. यह सरकार के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार ने 2022 तक सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने का वादा किया है. ताकि सभी को उनका अपना घर मिल सके.

शीतकालीन सत्र में संसद में पेश होगा विधेयक
सरकार का इरादा इस विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने का है. नायडू ने कहा कि इसे संसद में पेश करने से पहले हम सभी संबद्ध पक्षों से इस पर सुझाव मांगना चाहते हैं, क्योंकि इस विधेयक को लेकर कई तरह की आशंकाएं लोगों में हैं. उन्होंने कहा कि देश की 32 प्रतिशत आबादी शहरों में रह रही है और अगले 20 साल में यह संख्या 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी.
'डेवलपरों व खरीदारों के बीच पैदा हुआ है अविश्वास'
बैठक में डेवलपरों व अन्य मंत्रालयों के अधिकारियों समेत सभी भागीदारों ने हिस्सा लिया. मंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में जमीन और भवन निर्माण सामग्रियों की कीमतें चढ़ने से शहरी गरीब के लिए मकान खरीदना मुश्किल हो गया है. इसके अलावा, कुछ गैर-पेशेवर व असंगठित क्षेत्र के डेवलपरों की ओर से समय पर डिलीवरी की प्रतिबद्धता पूरी नहीं करने और गुणवत्ता में कमी से डेवलपरों व खरीदारों के बीच अविश्वास पैदा हुआ है.
क्या कहना है सेबी का
बाजार नियामक सेबी ने कहा कि वह जल्दी ही रियल इस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के लिए नियमों को अधिसूचित करेगी. इसका मकसद रियल इस्टेट क्षेत्र में विदेशी एवं घरेलू निवेश को आकर्षित करने में मदद करना है.

Hindi News from Business News Desk

 

Posted By: Ruchi D Sharma