नरेंद्र मोदी की सरकार पर जहां विपक्षी लगातार हमले बोल रहे हैं वहीं इस फेरहिस्‍त में SC का भी नाम जुड़ गया. SC ने मोदी सरकार के सभी अच्‍छे कार्यों को नजरअंदाज करते हुये तीखी आलोचना की है. SC का कहना है कि केंद्र सरकार कुभकर्ण जैसा व्‍यवहार कर रही है जो लंबे समय तक सोया रहता था.

रिपोर्ट न जमा करने पर पड़ी फटकार
SC के जस्टिस दीपक मिश्रा और आर.एफ नरीमन की खंडपीठ ने पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा रिपोर्ट जमा करने में असफल होने पर केंद्र सरकार की आलोचना की है. अदालत ने केंद्र सरकार को कुंभकर्ण तक बता दिया. अदालत का मानना है कि मोदी सरकार हमेशा नींद में रहती है, जिसकी वजह से सभी कार्य अधूरे रह जाते हैं. इतना ही नहीं अदालत ने सरकार की तुलना 19वीं सदी के कैरेक्टर रिप वैन विंकल से भी कर दी, जो कठिन काम करने से जी चुराता था.
हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स पर देरी
आपको बताते चलें कि केंद्र सरकार को समय पर रिपोर्ट न जमा करने पर आलोचना झेलनी पड़ रही है. दरअसल अदालत ने उत्तराखंड में भागीरथी नदी घाटी में बनने वाले 24 हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स का जैव-विविधता पर होने वाले असर के बारे में रिपोर्ट पेश करने के लिये समय सीमा दो महीने बढ़ा दी थी, इसके बाद भी केंद्र सरकार इस मामले में रिपोर्ट नहीं पेश कर सकी.
केंद्र सरकार ने रोका काम
फिलहाल रिपोर्ट के इंतजार में अदालत ने इन दोनों प्रोजेक्ट्स पर काम रोक दिया है. खंडपीठ ने कहा कि रिपोर्ट यहां पेश होनी चाहिये थी. यह केंद्र सरकार की खामी है. आप कुभकर्ण की तरह व्यवहार कर रहे हैं. हमें समझ नहीं आ रहा है के केंद्र सरकार ने हमारे सामने रिपोर्ट पेश क्यों नहीं की है. आपकी मंशा क्या है. कितना समय दिया गया था. आप रिप वन विंकल की तरह है. अदालत ने कहा के संतुलित रवैया होना चाहिये. इंसानों को मछलियों और अन्य जलीय जंतुओं के साथ उस नदी में जहां यह हाइडल प्रोजेक्ट्स बनने प्रस्तावित हैं.  

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari