द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्‍वामी स्‍वरूपानंद ने शिरडी के साई बाबा के खिलाफ बयान देकर हलचल मचा दी है. उनका यह बयान लाखें भक्‍तों को ठेस पहुंचस सकता है. शंकराचार्य का कहना है कि साईं बाबा को भगवान का दर्जा देना गलत है. उन्‍होंने साईं बाबा को हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक मानने से भी इंकार कर दिया है. साईं बाबा की पूजा सिर्फ हिंदू ही क्‍यों करते हैं. इस पर भी उन्‍होंने सवाल उठाये हैं. हालांकि साईं बाबा ट्रस्‍ट ने स्‍वामी जी के इन बयानों को गलत बताते हुए कहा कि यह लोगों में भ्रम फैलाने की साजिश है.


साईं बाबा कोई अवतार नहीं हैस्वरूपानंद के अनुसार पूजा किसी अवतार की या फिर गुरु की की जाती है और साईं बाबा किसी का अवतार भी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में भ्गवान विष्णु के 24 अवतार बताये गये हैं और उसमें साईं की कहीं पर भी चर्चा नहीं की गई है. उसके साथ ही स्वरूपानंद ने साईं बाबा को गुरू पद से नकारते हुए कहा कि कोई गुरु मांसाहारी और लुटेरा नहीं होता है. ऐसे में साईं बाबा को हम अपना आदर्श नहीं मान सकते हैं. साईं बाबा की भक्ति के पीछे साजिश
स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि साईं बाबा की पूजा एक साजिश के तहत की जा रही है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने का जो अभियान है उससे ध्यान बांटने की कोशिश करी जा रही है. साईं मंदिर के नाम पर करोड़ों रूपये जुटा कर नए नए मदिंर बपाण् जा रहें हैं. यह सारा पैसा भगवान राम के लिए होना चाहिए.हर हर मोदी का भी किया था विरोध


इससे पहले स्वामी स्वरूपानंद ने लोस चुनाव के दौरान बीजेपी द्वारा चलाये जा रहे हर हर मोदी के नारे का विरोध करते हुए आपत्ति जतायी थी. उन्होंने मोदी की तुलना भगवान शिव से करने पर कड़ा एतराज किया था. उन्होंने इस बारे में संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी बात की थी.काफी लोकप्रिय हैं साईं बाबाशंकराचार्य ने भले ही साईं बाबा को नकार दिया हो लेकिन शिरडी के साईं बाबा के भक्तों की संख्या करोड़ों में है. वे देश ही नहीं दुनिया भर में विख्यात हैं. मई 2012 में 30 दिन में ही 30 लाख भक्तों ने शिरडी में बाबा के दर्शन किये थे. किसी भी मंदिर में एक महीने में सर्वाधिक भ्ाक्तों के पहुंचने का यह रिकार्ड है. मई 2012 में दो भक्तों ने मिलकर 2 किलो से ज्यादा सोने का चढ़ावा साईं को अर्पित किया था.

Posted By: Satyendra Kumar Singh