आए थे पिंडदान करने, 'कैद' होकर रह गए
-गुवाहाटी से पिंडदान करने आई श्रद्धालुओं की टोली लॉकडाउन के चलते संगम नगरी में फंसी
-तीर्थपुरोहित के घर में कैद होने की अफवाह से हड़कंप, घर वापसी की जिद पर अड़े हैं श्रद्धालुPRAYAGRAJ: सोमवार को सुबह-सुबह वॉट्सअप एक वायरल मैसेज से पूरे शहर में हड़कंप मच गया। मैसेज में कहा गया था कि आसाम के गुवाहाटी से आई 26 श्रद्धालुओं की एक टोली को कीडगंज में एक तीर्थपुरोहित ने कैद कर रखा है। फिर क्या था, आम से लेकर खास तक सभी इसकी तफ्तीश में लग गए। हालांकि बाद में पता चला कि यह लोग गुवाहाटी से प्रयागराज पिंडदान करने आए थे। लेकिन यहां आने के बाद देश में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। सिचुएशन को देखते हुए तीर्थपुरोहित ने इन लोगों के रुकने का इंतजाम भी किया। हालांकि गुवाहाटी से आए लोग लॉकडाउन के बीच ही घर वापस जाने की जिद पर अड़े हैं।
आई टीम ने बदइंतजामी का आरोप लगाया। 20 मार्च को संगम नगरी पहुंची थी टोली -असम के गुवाहाटी से 26 श्रद्धालुओं की टोली अपने एक रिलेटिव का पिंडदान करने प्रयागराज आई हुई है। -इस टोली की एक मेंबर गीता दास ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के साथ बातचीत की।-उन्होंने बताया कि 15 मार्च को गुवाहाटी से निकली यह टोली 20 मार्च को यहां पहुंची।
-यहां वह कीडगंज के चौखंडी में रहने वाले आनंद काला पंडा केघर पहुंचे। -तीर्थपुरोहित आनंद काला पंडा ने विधि विधान के साथ पूजन और पिंडदान कराया। -इसी बीच 22 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा हो गई। -इसके बाद हालात को देखते हुए तीर्थपुरोहित आनंद काला पंडा ने इन लोगों के रुकने का इंतजाम किया दो कमरों में 26 लोग -श्रद्धालुओं की टोली की सदस्य गीता दास का आरोप है कि 26 लोगों के रहने के लिए केवल दो कमरे दिए गए हैं। - एक कमरे में 20 लोग रह रहे हैं, जबकि दूसरे कमरे में छह लोग रह रहे हैं। -एक कमरे में इतने ज्यादा लोगों के रहने के चलते सफोकेशन हो रहा है और कई लोगों को उल्टी-दस्त हुई है। -गीता ने बताया कि वह लोग अपने साथ जितने पैसे लेकर चले थे, वह सब इलाज में खर्च हो गए। -ऐसे में गीता ने सभी श्रद्धालुओं को तत्काल घर भिजवाने की व्यवस्था की मांग की है। पुरोहित का यह कहना है-वहीं इस मामले में तीर्थपुरोहित आनंद काला पंडा ने बताया कि गुवाहाटी से यजमानों के आने के बाद अचानक लॉकडाउन होने से प्रॉब्लम बढ़ गई
-उन्होंने बताया कि सभी तीर्थयात्रियों ने रोटी खाने से इंकार कर दिया। -इसके बाद उनको चावल और सिलेंडर भी दिया गया। -हालांकि यजमानों की डिमांड थी कि उन्हें खास किस्म का रोरा चावल दिया जाए। -लॉकडाउन के चलते इसका इंतजाम नहीं हो सकता। इस वजह से कई तीर्थयात्रियों को प्रॉब्लम शुरू हो गई। -अब सभी तीर्थयात्री वापस भेजने का इंतजाम करने की बात कह रहे हैं। -लॉकडाउन के चलते कैसे व्यवस्था की जाए, कुछ समझ नहीं आ रहा है। प्रशासन का क्या कहना है -तीर्थ पुरोहित आनंद काला पांडा का कहना है कि उन्होंने यह समस्या एडमिनिस्ट्रेशन के कंट्रोल रूम पर कॉल करके बताई। -यहां कहा गया कि सिर्फ कोरोना से रिलेटेड मामले ही सुने जा रहे हैं। -तीर्थपुरोहित ने भी सभी अधिकारियों से मामले को संज्ञान में लेते हुए गुवाहाटी से आए श्रद्धालुओं की हेल्प करने की गुहार लगाई है।