रंग लाया स्टूडेंट्स का 'सत्याग्रह'
सुविधाओं से लैस होगी ambulanceमंडे को प्रिंसिपल और स्टूडेंट्स के बीच हुई बातचीत में सबसे बड़ा मुद्दा मेडिकल फैसिलिटी का रहा। इसमें भी एंबुलेंस को लेकर काफी देर तक बातचीत हुई। प्रो। सैनी ने मेडिकल फैसिलिटी में कमी एक्सेप्ट करते हुए इसे सुधारे जाने की बात कही, वहीं सभी बेसिक फैसिलिटी से लैस नई एंबुलेंस के लिए भी प्रपोजल की बात कही। उन्होंने बताया कि मेडिकल फैसिलिटी वीक होने के पीछे डॉक्टर्स की खाली पड़ी दो पोस्ट भी अहम रीजन है। अब students भी दे सकेंगे instruction
एमएमएम इंजीनियरिंग कॉलेज में एंबुलेंस फैसिलिटी अवेल करने के लिए अभी तक लंबी प्रॉसेस से गुजरना पड़ता था, इसके लिए स्टूडेंट्स को पहले वार्डेन को कॉल करनी होती थी, इसके बाद वार्डेन एंबुलेंस ड्राइवर को निर्देश देता था उसके बाद एंबुलेंस प्रोवाइड होती थी। लेकिन सैटर्डे को हुई घटना के बाद इस रूल को थोड़ा मॉडिफाई किया जा रहा है। इसके तहत अब हर हॉस्टल में 3 स्टूडेंट्स की एक कमेटी बनाई जाएगी, जो एंबुलेंस ड्राइवर के डायरेक्ट टच में रहेगी। इस तरह से कॉलेज के 8 हॉस्टल के 24 मेंबर्स कभी भी एंबुलेंस सर्विस अवेल करने के लिए हरी झंडी दे सकते हैं। हर hostel में होगी first aid की facility
स्टूडेंट्स की डिमांड को देखते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। जेपी सैनी ने सभी हॉस्टल्स में फर्स्ट एड की फैसिलिटी प्रोवाइड कराने की बात कही है। सैटर्डे को हुई घटना में अगर फर्स्ट एड सर्विस अवेलबल होती तो शायद कुछ हद तक सुधांशु को रिलीफ मिल सकती थी और उसे बचाया जा सकता था। सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने हर हॉस्टल में डिस्पेंसरी फैसिलिटी भी मुहैया कराने की बात कही। outsiders not allowedमेडिकल फैसिलिटी के अलावा आउटसाइडर्स को लेकर स्टूडेंट्स ने काफी विरोध किया, इसके लिए प्रिंसिपल ने आउटसाइडर्स की एंट्री कैंपस में बैन कर दी है। इसके साथ ही गेट पर बगैर आईकार्ड एंट्री पर भी रोक लगा दी है। इनके अलावा कैंटीन, स्ट्रे एनिमल्स, हॉस्टल प्रॉब्लम, स्पोर्ट्स और प्लेसमेंट के मुद्दे को लेकर भी काफी लंबी बातचीत हुई, जिसको सॉल्व करने के लिए प्रिंसिपल ने स्टूडेंट्स को आश्वासन दिया।